चांद की सतह पर घुप्प अंधेरे में पीले तारे की तरह चमक रहा है विक्रम लैंडर, चंद्रयान-2 के आर्बिटर ने खींची तस्वीर

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भारत के चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर इस समय स्लीप मोड में हैं. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 14 दिनों तक खोज करने के बाद वहां सूरज ढलने के बाद दोनों ही उपकरणों को इसरो के वैज्ञानिकों ने बंद कर दिया है.

इन्हें वहां सूर्योदय के बाद एक बार फिर से एक्टिव करने की कोशिश होगी, लेकिन इस बीच चांद की सतह पर घुप्प अंधेरे में Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर की तस्वीरें सामने आई हैं जो चौंकाने वाली हैं.

दरअसल, 5 सितंबर 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव के उस हिस्से में रात हो गई थी, जहां पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर उतारा गया है. रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर पर नजर रखने के लिए उसके ऊपर से चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को गुजारा गया. ऑर्बिटर में लगे खास कैमरे ने रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर ली हैं, जिसमें वह पीली रोशनी में चमकता दिख रहा है.

विक्रम लैंडर की तस्वीर 6 सितंबर 2023 को ली गई हैं. तस्वीर में चांद की सतह नीले, हरे और गहरे काले रंग की दिख रही है. इसी के बीच विक्रम लैंडर एक पीले गोले में दिख रहा है, पीली रोशनी के साथ दिख रहा है. यहां तीन तस्वीरें हैं. बाएं तरफ पहली वर्टिकल फोटो में बड़े इलाके में पीले चौकोर डिब्बे में वह इलाका दिखाया गया है, जहां लैंडर उतरा था. इन तस्वीरों को इसरो ने जारी किया है.

दाहिने ऊपर जो फोटो है, वह 6 सितंबर की है. फोटो में गोल पीले घेरे में चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर पीले रंग की रोशनी में दिख रहा है. नीचे 2 जून 2023 की फोटो है, जब लैंडर वहां उतरा नहीं था. असल में यह तस्वीर चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर में लगे ड्यूल-फ्रिक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार (DFSAR) ने ली है.

अंधेरे में तस्वीर लेने वाला खास यंत्र है DFSAR

DFSAR एक खास यंत्र है, जो रात के अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलैरीमेट्रिक मोड में तस्वीर लेता है. यानी अंधेरे में धातुओं से निकलने वाली हीट और रोशनी को यह पकड़ लेता है. चाहे वह प्राकृतिक तौर पर मौजूद धातु हो या इंसानों द्वारा धातुओं से निर्मित कोई वस्तु हो उसे कैमरे में पकड़ लिया जाता है.

इससे पहले भी चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने ली थी तस्वीर

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने 25 अगस्त 2023 को भी चंद्रयान-3 की तस्वीर ली थी. यह दो तस्वीरों का कॉम्बीनेशन थी, जिसमें बाईं तरफ वाली फोटो में जगह खाली है. दाहिनी फोटो में लैंडर चांद की सतह पर दिख रहा है. इस तस्वीर में लैंडर को जूम करके इनसेट में दिखाया गया था. चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (OHRC) लगा है.

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