बुद्ध के जैसा उनका ये भक्त, 40,000 करोड़ की संपत्ति छोड़ बन गया बौद्ध भिक्षु, एयरसेल से सीधा कनेक्शन
गौतम बुद्ध एक राजा के घर पैदा हुए लेकिन उन्होंने दुनिया घटित ऐसी कुछ घटनाओं को देखा कि उन्होंने राजपाठ छोड़कर धर्म के मार्ग पर चलने की ठानी. इसके बाद उन्होंने एक नये धर्म की स्थान की.
आज उनके एक अनुयायी ठीक यही कहानी दोहराई है. हम बात कर रहे हैं. वेन सिरिपैन्यो की. सिरिपैन्यो 40,000 करोड़ रुपये की कंपनी के उत्तराधिकारी हैं लेकिन उन्होंने 18 साल की उम्र में ही बौद्ध भिक्षु बनने का निर्णय लेकर सबको चौंका दिया.
श्रीलंकाई तमिल मूल के टेलीकॉम टाइकून आनंद कृष्णन के घरके घर जन्मे सिरिपैन्यो का कृष्णन के मेगा-बिलियन-डॉलर टेलीकॉम साम्राज्य का नेतृत्व करना था. इस साम्राज्य में टेलीकॉम, मीडिया, तेल और गैस, रियल एस्टेट और उपग्रहों में व्यावसाय शामिल थे. कुल मिलाकर कृष्णन की कम से कम 9 कंपनियों में हिस्सेदारी है. वह मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं.
मौज-मस्ती में बने बौद्ध भिक्षु
आनंद कृष्णन स्वयं एक बौद्ध और एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति हैं, जो शिक्षा से लेकर मानवीय प्रयासों तक कई कारणों से दान करते हैं. कथित तौर पर उनका बेटा महज 18 साल की उम्र में बौद्ध भिक्षु बन गया था. हालाँकि, सिरिपैन्यो के भिक्षु बनने के पीछे के कारणों के बारे में बहुत कुछ सार्वजनिक नहीं है, लेकिन यह बताया गया है कि उन्होंने एकांतवास के दौरान “मौज-मस्ती” के लिए संन्यासी जीवन अपनाया था. अस्थायी रूप से अपनाई गई जीवनशौली स्थायी जीवन में बदल गई. अपने पिता के करोड़ों रुपये के साम्राज्य को चलाने के बजाय, सिरिपैन्यो ने भिक्षा मांगकर सादगी से जीवन जीने का फैसला किया.
राजघराने से थी मां
2 दशक से अधिक समय हो गया है जब सिरीपान्यो ने विरासत में मिली सभी संपत्ति को त्याग दिया और एक भिक्षु के रूप में जंगल में रहना चुना. वह थाईलैंड के दताओ दम मठ के मठाधीश हैं. यह भी दावा किया गया है कि भिक्षु अपनी मां की ओर से थाई शाही परिवार का वंशज है. सिरिपैन्यो के पहले के जीवन के बारे में अधिक विवरण नहीं हैं, लेकिन कथित तौर पर उनका पालन-पोषण ब्रिटेन में उनकी 2 बहनों के साथ हुआ था और वह 8 भाषाएं बोल सकते हैं.
एयरसेल से कनेक्शन
एयरसेल के संस्थापक C शिवशंकरन थे. उन्होंने मैक्सिस बेरहाद के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की थी. मैक्सिस बेरहाद मलेशिया की टेलीकॉम कंपनी है जिसके मालिक आनंद कृष्णन हैं. 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर उसका अधिग्रहण कर लिया था. इसे लेकर बाद में काफी विवाद हुए. एक समय पर चेन्नई सुपरकिंग्स का स्पॉन्सर रहा एयरसेल 2018 में दिवालिया हो गया था.