कपिलदेव सिंह हत्‍याकांड में मुख्‍तार अंसारी को 10 साल की जेल, गैंगस्‍टर एक्‍ट में ठहराया गया था दोषी

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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बड़ी खबर है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में दस साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी मुख्तार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इसी मामले के दूसरे आरोपी सोनू यादव को 5 साल की सजा मिली है. कोर्ट ने उस पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया. यह मामला कपिलदेव सिंह हत्याकांड से जुड़ा है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने 26 अक्टूबर को माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिया था. यह मामला वर्ष 2010 का है. उस वक्त करंडा थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था. मुख्तार अंसारी केस के गैंग चार्ट में शामिल था.

गौरतलब है कि कपिलदेव सिंह हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मचाया था. यह हत्याकांड साल 2009 में हुआ था. साल 2010 में इस हत्याकांड के लिए मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. जानकारी के मुताबिक, कपिलदेव सिंह शिक्षक थे. वे करंडा थाना इलाके के सुआपुर गांव में रहते थे. उनकी साफ-सुथरी छवि की वजह से लोग उनका सम्मान करते थे. जब वे रिटायर्ड हुए तो गांव में ही रहने लगे.

इस वजह से हुई थी कपिलदेव सिंह की हत्या

बताया जाता है कि साल 2009 में सुआपुर गांव में एक अपराधी रहता था. जिला प्रशासन ने उस वक्त उसके घर की कुर्की की थी. कपिलदेव सिंह ने कुर्की के दौरान घर में मौजूद सामानों की सूची बनाई थी. उन्होंने पुलिस के कहने पर ये लिस्ट बनाई थी. इसी दौरान उस अपराधी को लगा कि कपिलदेव सिंह पुलिस के साथ मिले हुए हैं. उन्होंने ही उसकी मुखबिरी की है. इसी शक में आरोपियों ने कपिलदेवस सिंह को मौत के घाट उतार दिया.

इस मामले में भी अंसारी को मिल चुकी सजा

बता दें, इससे पहले ईडी ने 14 अक्टूबर को मुख्तार अंसारी के गाजीपुर और मऊ में स्थित कुछ संपत्तियों को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जब्त किया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई थी. इनके अलावा, मुख्तार अंसारी को कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में भी उम्र कैद की सजा मिली है. उसने इस सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की है. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के रिकॉर्ड तलब किए हैं. याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है और सजा को रद्द किए जाने की अपील की गई है.

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