उदयपुर में कट्टरपंथियों की क्रूरता झेल दुनिया छोड़ चुके कन्हैयालाल का शरीर भी पंचतत्व में विलीन हो गया है। गम और गुस्से जाहिर करते हुए उमड़े लोगों ने नम आंखों के साथ कन्हैयालाल को अंतिम विदाई दी।
अशोक नगर स्थित श्मशान घाट पर कन्हैया का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरा लोग कन्हैया अमर रहें, हत्यारों को फांसी दो जैसे नारे लगाते रहे। कन्हैया के बड़े बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी।
उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू के बावजूद कन्हैया की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। कोई पैदल तो कोई बाइक या साइकिल से, हर कोई कन्हैया को अंतिम विदाई देना चाहता था। पूरे रास्ते लोग नारेबाजी करते गए। श्मशान घाट में भी जब तक कन्हैया का अंतिम संस्कार हुआ, लोग नारे लगाते रहे। इससे पहले पोस्टमार्टम के बाद कन्हैयालाल का शव घर ले जाया गया, तो घर में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी जशोदा ने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए, नहीं तो ये लोग कई लोगों को मारेंगे।
पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में बहस
भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कहासुनी के कारण अंतिम संस्कार में कुछ देर हुई। भाजपा नेता पकड़े गए कुछ कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग कर रहे थे। मावली विधायक धर्मनारायण जोशी और उनके समर्थक भी मौजूद थे।
सरकार ने आर्थिक मदद का किया ऐलान
उदयपुर में दर्जी का काम करने वाले कन्हैयालाल की मंगलवार को दो व्यक्तियों ने कपड़े का नाप देने के बहाने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इसके बाद उदयपुर तनाव व्याप्त हो गया और 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। घटना के बाद कन्हैया लाल के शव को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था बाद में उनके अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन और पुलिस ने प्रयास किया। आश्रितों को राज्य सरकार के 31 लाख का मुआवजा देने और संविदा पर नौकरी देने के आश्वासन के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए शव उठाने दिया गया था।