नौकरीपेशा ध्यान दें! इस साल सैलरी से ज्यादा कटेगा TDS, अगर न मानी इनकम टैक्स विभाग की बात
अगर आप सैलरी पेशा कर्मचारी हैं और आपका टीडीएस कटता है तो यह खबर आपके काम की है. क्योंकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने टीडीएस (Tax Deducted at Source) पर स्पष्टीकरण दिया है.
चूंकि नई कर व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट टैक्स रिजीम बन गई है, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह महत्वपूर्ण हो गया है कि वे नियोक्ताओं को कर व्यवस्था की अपनी पसंद की जानकारी दें.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी अपनी पसंद के बारे में सूचित करने में विफल रहता है, तो नियोक्ता नई कर व्यवस्था दरों के अनुसार धारा 192 के तहत वेतन पर टीडीएस काट सकता है.
सर्कुलर में CBDT का स्पष्टीकरण
5 अप्रैल के एक सर्कुलर में सीबीडीटी ने कहा कि अगर कोई कर्मचारी अपनी पसंद की कर व्यवस्था के बारे में सूचित नहीं करता है, तो नियोक्ता डिफॉल्ट शासन, यानी नई कर व्यवस्था के लिए निर्धारित दरों के अनुसार वेतन से टीडीएस काट सकता है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा, “यदि कर्मचारी द्वारा सूचना नहीं दी जाती है, तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी डिफ़ॉल्ट टैक्स रिजीम में बना हुआ है और उसने नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है. इसिलए ऐसे मामले में नियोक्ता, अधिनियम की धारा 192 के तहत आय पर धारा 115BAC की उप-धारा (lA) के तहत प्रदान की गई दरों के अनुसार टीडीएस कटौती करेगा.
कंपनी कर्मचारियों से मांगे जानकारी
सीबीडीटी ने नियोक्ताओं से कर्मचारियों से कर व्यवस्था के विकल्प के बारे में जानकारी मांगने को कहा है. यदि कर्मचारी इस बारे में सूचित करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी डिफ़ॉल्ट रिजीम (नई कर व्यवस्था) में है और धारा 192 के तहत टीडीएस नई व्यवस्था दरों के अनुसार काटा जाएगा.
सीबीडीटी ने कहा, “वेतनभोगी कर्मचारी पुरानी कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध विभिन्न कटौतियों का लाभ लेने के लिए हर साल नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं. नई कर व्यवस्था सभी व्यक्तियों पर लागू डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है. हालांकि, अधिनियम की धारा 115बीएसी की उप-धारा (6) के तहत, एक व्यक्ति इस कर व्यवस्था से बाहर निकलने के विकल्प का प्रयोग कर सकता है. एक व्यक्ति जिसकी व्यवसाय या पेशे से आय नहीं है, वह हर साल इस विकल्प का प्रयोग कर सकता है.”