भारत में काबू में आई जनसंख्या वृद्धि, 2 फीसदी से भी कम हुई प्रजनन दर, क्या हैं फायदे और नुकसान
साल 1950 में दुनिया भर की आबादी केवल ढाई अरब थी, जो अब आठ अरब का आंकड़ा पार कर गई है. गुजरे सात दशकों में दुनिया में हुआ जनसंख्या विस्फोट हर किसी को चौंका रहा है.
इसी से यह सवाल पैदा हुआ है कि धरती पर इंसानों की बढ़ती आबादी को बोझ माना…
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