शाहीन बाग अतिक्रमण मामला: सुप्रीम कोर्ट का याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार, कहा- हाईकोर्ट जाओ

0 97

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शाहीन बाग इलाके में एमसीडी के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने CPI (M) और अन्य याचिकाकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।

बता दें कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की दिल्ली इकाई और हॉकर्स यूनियन ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा अतिक्रमण-विरोधी अभियान की आड़ में इमारतों को गिराये जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और इसे ‘‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों, विधियों और संविधान का उल्लंघन’’ करार दिया था।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि वे अनधिकृत कब्जाधारी या अतिक्रमणकर्ता नहीं हैं, जैसा कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम और अन्य ने आरोप लगाये हैं। याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की और साफ कर दिया कि कोर्ट इन पर आगे सुनवाई नहीं करेगा।

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में इमारतों को गिराने के खिलाफ CPI (M) की याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय से संपर्क करने को कहते हुए कहा कि “प्रभावित पक्षों को अदालत में आने दें।”

अतिक्रमण रोधी अभियान: बुलडोजर के साथ अधिकारी शाहीन बाग पहुंचे थे

इससे पहले दिन में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारियों के अतिक्रमण रोधी अभियान को अंजाम देने के लिए बुलडोजर के साथ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पहुंचते ही महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोग वहां धरने पर बैठ गए और विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई रोकने की मांग की। एसडीएमसी के अधीन सेंट्रल जोन में आने वाला शाहीन बाग दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन और धरने का केंद्र रहा था। शहर में कोविड महामारी फैलने के बाद मार्च 2020 में यहां धरना प्रदर्शन बंद किया गया था।

Leave A Reply

Your email address will not be published.