सूर्य का शनि की राशि में गोचर, मेष से लेकर मीन राशि तक पड़ेगा प्रभाव, राशिनुसार ये उपाय आपको बना देंगे मालामाल

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अपने स्वाभाविक संचरण के क्रम में ग्रहों में राजा की पदवी प्राप्त सूर्य देव का गोचरीय संचरण अपने पुत्र शनि देव की पहली राशि से शनि देव की दूसरी राशि कुम्भ में होने जा रहा है।

13 फरवरी की सुबह 6 बजकर 49 मिनट पर सूर्य देव कुंभ राशि मे प्रवेश करेंगे जहाँ 14 मार्च तक कुम्भ राशि मे सूर्य देव विद्यमान रहकर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। कुम्भ राशि मे रहकर सूर्य भारत सहित सम्पूर्ण विश्व एवं चराचर जगत को प्रभावित करेंगे। स्वतंत्र भारत की कुंडली कर्क राशि एवं वृष लग्न की होने के कारण सुखेश होकर राज्य भाव मे गोचरीय संचरण आरम्भ करेंगे । फलतः आम जन मानस के सुखों में वृद्धि, सरकार के प्रभाव में वृद्धि, भारत मे वर्चस्व में विश्व स्तरीय वृद्धि, राजनैतिक, सामाजिक भय , असंतोष के साथ साथ, राजनीतिक जनों के वाणी में कटुता, में वृद्धि , सरकार द्वारा वाहन, इंफ्रास्ट्रक्चर , कंस्ट्रक्शन आदि के क्षेत्र में लोक लुभावन कार्य योजना आरम्भ किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारियों के हित के लिए नई योजनाओं की घोषणा भी सम्भव है।

मेष राशि-

पंचम के कारक होकर लाभ भाव में।
लाभ एवं आय में वृद्धि।
पैतृक संपत्ति से लाभ में वृद्धि।
सरकारी लाभ में वृद्धि।
बौद्धिक क्षमता एवं व्यक्तित्व में वृद्धि।
संतान पक्ष से लाभ एवं प्रसन्नता में वृद्धि।
कार्यस्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि।

उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें ।

वृष राशि-

सुख के कारक होकर राज्य भाव में।
सुख के साधनों गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि।
जमीन के लाभ एवं मातृ सुख में वृद्धि।
सरकारी लाभ एवं वर्चस्व में वृद्धि।
पिता के सहयोग, कर्म क्षेत्र एवं परिश्रम में वृद्धि।
कार्यस्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि।

उपाय :- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते रहें।

मिथुन राशि :-

पराक्रम के कारक होकर भाग्य भाव में।
भाग्य एवं पराक्रम में वृद्धि।
नेतृत्व क्षमता एवं आक्रामकता में वृद्धि।
पिता से एवं सरकारी लाभ में वृद्धि।
भाई, बहनों एवं मित्रो से लाभ में वृद्धि।
कार्य स्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि।

उपाय :- लाल रोली रविवार को सूर्य देव को चढ़ाते रहें।

कर्क राशि :

धन के कारक होकर अष्टम भाव में।
पेट व पैर की समस्या में वृद्धि।
वाणी व्यावसाय से लाभ में वृद्धि।
पारिवारिक कार्यो को लेकर प्रगति
आँखों का ध्यान रखे। थोड़ा कष्ट संभव
पारिवारिक जनों में प्रेम सौहार्द में वृद्धि

उपाय :- पिता की सेवा करें। उनके आदेश का पालन करें।

सिंह राशि

लग्न के कारक होकर सप्तम भाव में।
मनोबल उच्च होगा, व्यक्तित्व में वृद्धि।
कार्य क्षमता में वृद्धि, साझेदारी से लाभ।
पिता का सहयोग एवं आशीर्वाद।
आय एवं आय के साधनों में वृद्धि।
दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में तनाव वृद्धि।
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।

कन्या राशि:-

व्यय के कारक होकर षष्ट भाव में।
गृह एवं वाहन सुख पर खर्च बढ़ेगा।
यात्रा खर्च में अचानक वृद्धि।
रोग, ऋण एवं शत्रु पर विजय।
आँखों की सामान्य समस्या।
जमीन जायदाद को लेकर तनाव।

उपाय :- सूर्य को नियमित जल रोली डालकर देते रहें।

तुला राशि :-

लाभ के कारक होकर पंचम भाव में।
पराक्रम में , सम्मान में वृद्धि।
लाभ एवं आय के साधनों में वृद्धि।
संतान पक्ष से लाभ एवं सुसमाचार में वृद्धि।
अध्ययन अध्यापन में रुचि बढ़ेगा।
प्रभुत्व एवं सरकारी लाभ में वृद्धि।

उपाय :- सूर्य को जल देते रहे एवं पिता का सम्मान करें।

वृश्चिक राशि :-

राज्य के कारक होकर सुख भाव में।
सुख वृद्धि एवं सुख के साधनों में वृद्धि।
मातृ , पितृ सुख एवं सरकारी लाभ में वृद्धि।
जमीन जायदाद एवं पारिवारिक कार्यो में वृद्धि।
राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ।
सम्मान में वृद्धि , परिश्रम में वृद्धि।

उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।

धनु राशि :-

भाग्य के कारक होकर पराक्रम भाव में।
भाग्य में वृद्धि, कार्यो में प्रगति।
पराक्रम में वृद्धि, यश कीर्ति में वृद्धि।
भाई बहनों एवं मित्रों का सहयोग,सनिध्य।
आक्रामकता, व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि।
नई साझेदारी एवं पिता से लाभ सम्भव

उपाय :- मूल कुण्डली के अनुसार माणिक्य धारण करें।

मकर राशि :-

अष्टम के कारक होकर धन भाव में।
वाणी में तीव्रता, दाँत की समस्या।
अचानक व्यय में अधिकता।
यात्रा पर खर्च की संभावना बनेगी।
आँखों मे कष्ट की संभावना बन सकती है।
पारिवारिक कार्यों में खर्च बढ़ेगा।

उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चन्दन श्री राम मंदिर में रविवार को चढ़ाते रहे।

कुम्भ :-

सप्तम के कारक होकर लग्न भाव में।
आय एवं लाभ के संसाधनों में वृद्धि।
व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि।
नयी साझेदारी, नया व्यापारिक संबंध स्थापित।
सरकारी लाभ या सरकारी तंत्र से लाभ में वृद्धि।
दाम्पत्य जीवन, प्रेम संबंधों में लाभ की स्थिति

उपाय :- सूर्य देव की नियमित जल देते रहें।

मीन :-

षष्ट के कारक होकर व्यय भाव में।
सम्मान एवं परिश्रम में वृद्धि।
स्वास्थ्यगत समस्या एवं तकलीफ से मुक्ति।
माता के स्वास्थ्य को लेकर को चिन्ता।
कर्ज से मुक्ति एवं शत्रुओं पर विजय की स्थित।
यात्रा खर्च एवं व्यापारिक विस्तार में वृद्धि।

उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चंदन रविवार के दिन श्रीराम मंदिर में नियमित दान करते रहें।

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