गुप्त नवरात्र : मां के दिव्य स्वरूपों की करें आराधना, मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

0 98

सनातनी परंपरा के अनुसार वर्ष में मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र चार बार आते हैं। दो बार सामान्य एवं दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं। आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।

गुप्त नवरात्र के दौरान गुप्त रूप से मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्र में सुख-समृद्धि व शांति के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्र में पूजा, साधना, उपासना का कई गुना फल प्राप्त होता है।

चारों नवरात्र में शक्तिपूजा का विशेष महत्व बताया गया है। गुप्त नवरात्र में दसमहाविद्याओं की आराधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में घर में तुलसी का पौधा लगाया जाना अत्यंत शुभकारी माना जाता है। घर के मुख्य द्वार पर सुंदर तोरण बांधें। घर दुकान के दरवाज़े पर चांदी का स्वास्तिक लगाएं।

गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक अवश्य जलाएं। नौ बताशे लें और प्रत्येक बताशे पर दो लौंग रख इन्हें मां दुर्गा को समर्पित करें। गुप्त नवरात्र के दौरान रोजाना मां दुर्गा को फूलों की माला अर्पित करें। गुप्त नवरात्र के दौरान देवी मां के मंदिर में लाल रंग का ध्वज अर्पित करें।

गुप्त नवरात्र के दौरान हर सुबह मां दुर्गा की पूजा के समय उन्हें लाल फूल अर्पित करें। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्र में माता का पूजन भक्ति भाव से करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होने के साथ पापों से मुक्ति मिलती है। सुहागिन स्त्रियां माता दुर्गा के रूप मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। नौ दिनों तक लाल फूल के साथ माता को लाल सिंदूर लगाकर प्रसन्न करें। गुप्त नवरात्र के दौरान माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें। खीर का भोग लगाएं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.