महाराष्ट्र चुनाव: इलेक्शन से पहले एकनाथ शिंदे को बड़ा झटका, उद्धव ठाकरे ने मार ली बाजी
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी शिवसेना और उसके नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को तगड़ा झटका लगा है. इसके उलट शिवसेना उद्धव गुट की बांछे खिल गई है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना इसे एक बड़ी उपलब्धि मान रही है. ऐसे में अब देखना है कि आने वाले वक्त में इन दोनों दलों के बीच की आपसी लड़ाई क्या गुल खिलाती है.
दरअसल, दोनों दलों के बीच की यह लड़ाई मुख्य रूप से दशहरा के मौके पर मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में रैली को लेकर है. इस पार्क में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाला साहेब ठाकरे रैली किया करते थे. लेकिन, अब शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है. मूल शिवसेना पर एकनाथ शिंदे का कब्जा है. दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना है, जो खुद को मूल शिवसेना होने का दावा करती है.
इस बीच दशहरा के दिन रैली को लेकर मुंबई नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है. करीब ढाई साल पहले शिवसेना में हुए विभाजन के बाद ठाकरे के साथ-साथ शिंदे गुट ने भी दशहरा पर सभा आयोजित करना शुरू कर दिया. शिवसेना में विभाजन के बाद ऐतिहासिक छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान में दशहरा सभा कौन करेगा, इसे लेकर दोनों समूहों के बीच खींचतान चलती रही है. दो साल पहले इस मैदान में शिवसेना ठाकरे गुट की दशहरा सभा हुई थी. इस साल सबकी नजर इस बात पर है कि यह मैदान किसे मिलेगा.
पिछले दो साल से मैदान की अनुमति को लेकर शिवसेना ठाकरे गुट और शिंदे गुट आमने-सामने आ गए थे. मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने शिवाजी पार्क मैदान के लिए कमर कस ली थी. ठाकरे गुट ने भी जोर दिया. पिछले साल भी मैदान की इजाजत को लेकर ठाकरे और शिंदे गुट में बड़ा झगड़ा हुआ था. हालांकि, शिंदे समूह ने अपनी दशहरा सभा मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित की.
शिवाजी पार्क में किसकी रैली?
दशहरा सभा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान पाने के लिए ठाकरे समूह ने अच्छी तैयारी की थी. कुछ महीने पहले ही ठाकरे समूह ने मुंबई नगर निगम को एक पत्र भेजकर जमीन की मांग की थी. हालांकि, नगर निगम ने कोई निर्णय नहीं लिया. मैदान की अनुमति के लिए ठाकरे की शिवसेना ने मुंबई नगर निगम को फिर पत्र भेजा. आखिरकार मुंबई नगर निगम ने गुरुवार को ठाकरे की सभा के लिए शिवाजी पार्क मैदान उपलब्ध करा दिया है. तो इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान पर सिर्फ ठाकरे की आवाज सुनाई देगी.
शिवसेना की स्थापना के बाद से ही दशहरा मिलन का बड़ा महत्व है. इस दशहरा सभा के जरिए दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे अपनी पार्टी की राजनीति की संभावित दिशा समझाते थे.
Comments are closed.