शनि जयंती के दिन इस तरह करें पूजा, कष्ट होंगे दूर, मिलेगा लाभ, हरिद्वार के ज्योतिषी से जानें सबकुछ

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शनि देव महाराज का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था. हिंदू धर्म के लोग ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि देव महाराज की जयंती मनाते हैं और शनि देव महाराज के निमित्त पूजा पाठ, व्रत, दान आदि करते हैं.

जिससे कष्टों का निवारण हो सके. धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव के निमित्त व्रत करने, पूजा पाठ करने और दान आदि करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही शनि देव जनित कष्टों में भी आराम मिलता है.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनि देव के पिता सूर्य देव और माता छाया है. कलयुग में शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है, जो लोगो को उनके कर्माे के आधार पर शुभ और अशुभ फल देने का काम करते हैं.

हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनि जयंती जून 2024 में 6 जून को होगी. ज्येष्ठ अमावस्या को न्याय के देवता शनिदेव महाराज का जन्म हुआ था. जिनके पिता सूर्य देव, माता छाया और भाई यमराज हैं.

धार्मिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव की पूजा करना उनके निमित्त व्रत रखना और दान आदि करने का विशेष महत्व होता है. वह बताते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव के मंत्रो का जाप करें. शनि देव के बीज मंत्र और वैदिक मंत्रों का जाप करें.

काली उड़द की दाल, काले तिल और काले वस्त्र किसी जरूरतमंद गरीब या भिखारी को दें. इससे भी शनिदेव की कृपा बनी रहती है.

ज्योतिष आचार्य श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनि देव की पूजा शाम के समय करने से लाभ की प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव की पूजा अर्चना, व्रत अपने घर के देवालय में ही करने से इसका कई गुना अधिक लाभ व्यक्ति को मिलता है और शनि देव की अपार कृपा बनी रहती है.

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