सावन मास की शिवरात्रि कब है? जानें देवों के देव महादेव की पूजा का उत्तम मुहूर्त व व्रत नियम

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भगवान शंकर को समर्पित सावन मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। सावन महीने में भगवान शंकर की पूजा करने व सोमवार व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इस महीने की शिवरात्रि भी बेहद खास मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल भर में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं इनमें से दो शिवरात्रि बेहद खास मानी गई हैं। सबसे प्रमुख फाल्गुन मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। इसके बाद शिवरात्रि सावन में भी आती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने व भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है। इस साल सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी। जानें सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त-

सावन शिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त-

सावन शिवरात्रि 26 जुलाई 2022, मंगलवार को है। चतुर्दशी तिथि 26 जुलाई को शाम 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ होगी, जो कि 27 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी।

सावन शिवरात्रि पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त-

सावन शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की पूजा अभिषेक करने का सबसे उत्तम मुहूर्त 26 जुलाई की शाम 07 बजकर 24 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

व्रत नियम-

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति को सावन मास में सात्विक भोजन करना चाहिए। प्याज, लहसुन आदि नहीं खाना चाहिए। सावन मास में मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। सावन महीने में भगवान शिव की अराधना ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए। इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सावन के सोमवार का व्रत करना चाहिए।

शिव पूजा- सामग्री

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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