RG Kar Case: संजय रॉय पर जेल में नई आफत, नर्क से बदतर होगी जिंदगी, महिला डॉक्टर के माता-पिता को मिलेगा सुकून
कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस में उम्रकैद की सजा पाए संजय रॉय पर नई आफत आ गई है. सियालदाह कोर्ट ने उसे प्रेसीडेंसी जेल भेज दिया है.
अब वह पूरी जिंदगी इसी जेल की सलाखों के पीछे रहेगा. लेकिन उसकी जिंदगी नर्क से भी बदतर होगी. क्योंकि जेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि उसे ऐसे-ऐसे काम दिए जाएंगे, जिसकी उसने कभी कल्पना भी न की होगी. यह सब देखकर डॉक्टर बिटिया के माता-पिता को सकून जरूर मिलेगा.
आरजीकर मेडिकल कॉलेज में घटना से पहले संजय रॉय शान की जिंदगी जिया करता था. इंस्पेक्टर, सीओ उसके दोस्त हुआ करते थे. इन्हीं के दम पर वह मेडिकल कॉलेज में वसूली का रैकेट भी चलाता था. लेकिन अब उसकी जिंदगी काफी मुश्किलों भरी होगी. प्रेसीडेंसी जेल के सूत्रों के मुताबिक, संजय रॉय को कॉमन बाथरूम की सफाई की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है. जेल में कई कॉमन बाथरूम हैं, जहां कैदी जाकर नहाते धोते हैं. अब इसकी सफाई की जिम्मेदारी संजय रॉय के पास होगी. उसे रोज सुबह-शाम इसकी सफाई करनी होगी. कैदियों की बातें भी सुननी होंगी.
क्या-क्या काम करना होगा
न्यूज18 मराठी को मिली जानकारी के मुताबिक, संजय रॉय को जेल के किचन की सफाई की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. साथ में उसे बागीचे की देखभाल का काम भी दिया जा सकता है. गोदाम में सामान चढ़ाने और उतारने जैसे काम भी करने होंगे. भारी-भारी बोरे उठाने पड़ सकते हैं. जेल विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सुधार गृह में कैदी तीन तरह के काम करते हैं. और तीनों प्रकार के श्रमिकों के लिए अलग-अलग मानदेय दिया जाता है. स्किल्ड कैदी को रोज 135 रुपये दिए जाते हैं. जबकि सेमी स्किल्ड कैदी को 120 रुपये रोज मिलते हैं. अकुशल कैदियों को 100 रुपये दिए जाते हैं.
संजय किस श्रेणी में आएगा
सूत्रों का दावा है कि संजय ने 12वीं तक पढ़ाई की है. इसलिए उसे अकुशल यानी अनस्किल्ड कैदियों की श्रेणी में रखा गया है. उसे भी 100 रुपये रोज भत्ता दिया जाएगा. ऐसे कैदियों को सामान्य बाथरूम की सफाई यानी स्वीपर का काम, रसोई की सफाई करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. संजय को भी यही काम मिलेगा. हालंकि, इसकी डिटेल जानकारी अभी सामने नहीं आई है. एक दो दिन में इसके बारे में जेल प्रशासन जानकारी देगा. नियम ये भी है कि संजय को ये सब काम करने से जो भी पैसा मिलेगा, उसका आधा हिस्सा वह अपने पर खर्च कर सकता है. बाकी आधी रकम वह अपने परिवार के लिए जमा करेगा. यही नियम है. आधे से ज्यादा हिस्सा वह खर्च नहीं कर सकता.
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