4 महीने में खरीदा 24 टन सोना, ऊंचे भाव पर RBI ने क्यों लिया इतना गोल्ड, जानिए इस समझदारी के पीछे की वजह

0 157

सोना खरीदना सबको पसंद है, क्योंकि यह ऐसी कीमती धातु है जो मुसीबत में बड़े काम आती है. जब भी दुनिया में जियो-पॉलिटिकल तनाव बढ़ता है और शेयर बाजार में गिरावट आती है तो निवेशक, सोने की ओर भागते हैं.

सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि सरकार भी गोल्ड खरीदने लगती है. भू-राजनीतिक तनाव के बीच अस्थिरता से बचाव के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल जनवरी से अप्रैल तक 4 महीनों में अपने गोल्ड रिजर्व (सोने का भंडार) में 24 टन गोल्ड जोड़ा है.

हैरानी की बात है कि रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि गोल्ड की यह मात्रा 2023 में पूरे साल के दौरान खरीदे गए गोल्ड का लगभग डेढ़ गुना है. पिछले साल आरबीआई ने अपने गोल्ड रिजर्व में 16 टन सोना जोड़ा था.

RBI के गोल्ड रिजर्व में कितना सोना?

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 26 अप्रैल 2024 तक आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 827.69 टन सोना था, जो दिसंबर के अंत तक 803.6 टन था. वैसे तो भारत, चीन के बाद सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. हर साल देश में बड़ी मात्रा में लोग गोल्ड खरीदते हैं लेकिन, यह पहली बार है जब आरबीआई अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने में इतना एक्टिव रहा है.

रिजर्व बैंक क्यों खरीद रहा गोल्ड?

दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, अपने वित्तीय संसाधनों में व‍िव‍िधता लाने के मकसद से सोना खरीद रहा है. दुनियाभर में कारोबार अमेरिकी डॉलर में होता है. ऐसे में अगर डॉलर कमजोर होता है तो आरबीआई के पास मौजूद डॉलर की कीमत भी कम हो जाती है. लेकिन सोना की कीमतें डॉलर से अलग चलती है इसलिए गोल्ड में इन्वेस्टमेंट आरबीआई के लिए ‘सुरक्षित निवेश’ है.

इसके अलावा, ग्लोबल इकोनॉमी में अस्थिरता बनी हुई है. दुनिया के कई देशों में महंगाई व मंदी और कुछ देशों के बीच युद्ध के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है. ऐसी स्थिति में सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है इसल‍िए आरबीआई इसकी खरीद पर फोकस कर रहा है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.