विजय सिंगला ने इंजीनियर से मांगा था 2 पर्सेंट कमीशन, आ गए थे CM के राडार पर

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को उनके पद से हटा दिया। इसके बाद सिंगला की गिरफ्तारी भी हो गई।

सिंगला सीएम की रडार पर तभी से थे जब उन्होंने एक इंजीनियर से 2 पर्सेंट का कमीशन मांगा था। सूत्रों का कहना था कि एक बैठक में उन्होंने इंजिनियर से कंस्ट्रक्शन में लगने वाले कुल खर्च का 2 फीसदी मांगा था। इसके अलावा मंत्री ने इंजिनयर से 1 फीसदी का कमीशन आगे के कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए भी मांगा था।

सूत्रों ने बताया कि मंत्री और उनके ओएसडी ने मोहाली कॉर्पोरेशन के साथ काम करने वाले इंजीनीयर के साथ गुप्त मीटिंग की थी। तभी से विजय सिंगला मुख्यमंत्री की रडार पर आ गए थे। इंजीनियर ने 10 दिन पहले शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी साल नवंबर में इंजीनियर रिटायर भी होने वाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक लगभग एक महीने पहले इंजीनयर के पास सिंगला के ओएसडी प्रदीप कुमार का फोन आया था और उनसे पंजाब भवन आने को कहा गया था। इंजीनियर को पंजाब भवन के रूम नंबर 203 में बुलाया गया जहां पहले से ही विजय सिंगला और उनके ओएसडी मौजूद थे। जब इंजीनयर वहां पहुंचे तो विजय सिंगला ने कहा कि वह जल्दी में हैं ओएसजी उनसे बात करेंगे।

इंजीनियर ने बताया कि 58 करोड़ रुपये से ज्यादा के काम को मंजूरी मिली थी और इसका दो फीसदी यानी लगभग 1.6 करोड़ रुपये मंत्री को देने थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रदीप कुमार ने 8 मई को इंजीनियर के पास 6 वॉट्सऐप कॉल किए थे। इसके बाद भी कई बार उन्होंने फोन किया। 20 मई को ओएसडी ने कथित तौर पर उनसे 10 लाख रुपये देने को कहे लेकिन राजिंदर सिंह ने पांच लाख की बात स्वीकार की। 23 मई को उन्होंने ओएसडी को पांच लाख रुपये दिए।

इंजीनियर ने ही 23 मई की मुलाकात में पूरी बातचीत रेकॉर्ड कर ली थी और बाद में उसे मुख्यमंत्री और पुलिस को सौंप दी। इसी के आधार पर मुख्यमंत्री ने विजय सिंगला को अपने घर प बुलाया और उनसे सच जानने की कोशिश की। विजय सिंगला ने स्वीकार किया कि यह उनकी ही आवाज है जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। एंटी करप्शन में शिकायत के बाद उनकी और ओएसडी की गिरफ्तारी भी हो गई।

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