‘राहुल गांधी, क्रांति और संस्थाओं की इज्जत…’, जेल से बाहर आते ही क्या बोले नवजोत सिंह सिद्धू
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) करीब 10 महीने बाद पटियाला के केंद्रीय कारागार से शनिवार को रिहा हो गए. जिस वक्त वह जेल से बाहर आए, उस वक्त उन्होंने आसमानी रंग की जैकेट पहन रखी थी.
ऐसी उम्मीद थी कि उन्हें दोपहर तक रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन वह शाम पांच बजकर 53 मिनट पर जेल से बाहर निकले. सिद्धू के समर्थक उनका भव्य स्वागत करने के लिए शनिवार को सुबह से ही जेल के बाहर इकट्ठा हो गये थे और उन्होंने ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे लगाए.
जेल से निकलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने चित परिचित अंदाज में सरकार पर हमला बोला. सिद्धू ने कहा, ये संस्थाएं पवित्र थीं, इन संस्थाओं को कॉन्स्टीट्यूशन की वैल्यूज चलाती हैं. ये सब आज गुलाम हैं और कुछ लोगों की सुनती हैं. इनको रबड़ के गुड्डे बना दिया गया और चाभी देके छोड़ दिया गया है. सिद्धू ने कहा, मैं मौत से डरता नहीं हूं, मेरी वाइफ कैंसर से पीड़ित थीं, छुट्टी लेता तो ये सब नहीं होता. उन्होंने कहा, मैं चट्टान की तरह कांग्रेस का हर कार्यकर्ता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ खड़ा हूं.
सिद्धू ने कहा, जहां जहां हिंदुत्व का एजेंडा नहीं चलता, वहां ये वोटों की तुष्टिकरण के लिए ऐसे करते हैं. उन्होंने कहा, संस्थाओं की इज्जत के लिए सिद्धू जेल में आया एक बार भी उफ़ नहीं किया.
सिद्धू ने पंजाब सरकार पर साधा निशाना
सिद्धू ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, मैं भगवंत को पूछना चाहता हूं तुमने पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाया अखबारी मुख्यमंत्री बन के रह गए हो. सिद्धू एक मरवा दिया दो और मरवा. सारे बॉर्डर पर BSF खड़ी है. इसके लिए केंद्र भी उतनी ही जिम्मेदार है.
सिद्धू ने कहा, जब भी तानाशाही हुई तब एक क्रांति आई है. मैं कहता हूं क्रांति का नाम है राहुल गांधी. सिद्धू ने कहा, आज लोकतंत्र बेड़ियों में है. पंजाब देश की ढाल है इसको तोड़ने का प्रयास हो रहा है, पंजाब में प्रेजिडेंट रूल लगाने की कोशिश हो रही है. सिद्धू ने आरोप लगाया, पहले लॉ एंड आर्डर की प्रॉब्लम क्रिएट की जाती है उसके बाद कहते हैं की हमने शांत कर दिया है.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “पंजाब को कमजोर करोगे खुद कमजोर हो जाओगे. मैं अपने परिवार के लिए नहीं लड़ रहा. राहुल गांधी के पूर्वजों ने इस देश को आजाद कराया था. राहुल गांधी लोकतंत्र की बेड़िया काट रहा है. शेर दहाड़ता है तो उसकी दहाड़ अमेरिका जर्मनी पूरी दुनिया में आज गूंज रही है.”