जी20 से भारत का सामर्थ्य बढ़ रहा है, सबका साथ-सबका विकास हमारा सिद्धांत

0 165

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा, ‘हमारी सरकार ने देश में पिछले 9 वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण को फॉलो किया है.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक संबंधों में भी यही हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है.

राष्ट्रीय राजधानी में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले Moneycontrol.com (मनीकंट्रोल.कॉम) को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब हमने जी20 के लिए अपना एजेंडा रखा, तो सार्वभौमिक रूप से इसका स्वागत किया गया, क्योंकि हर कोई जानता है कि हम वैश्विक मुद्दों का समाधान ढूंढने में मदद करने के मद्देनजर अपना सक्रिय और सकारात्मक दृष्टिकोण लाएंगे.’ उन्होंने कहा कि जी20 सम्मेलन से भारत का सामर्थ्य बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पक्ष में जो बात काम करती है वह यह है कि देश विकासशील दुनिया के हितों को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें अफ्रीकी संघ के देशों जैसे जी20 में प्रतिनिधित्व नहीं करने वाले देशों के हित भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘शायद जी20 के इतिहास में पहली बार, इंडोनेशिया, भारत और ब्राज़ील की तिकड़ी विकासशील दुनिया के साथ है. यह तिकड़ी ऐसे महत्वपूर्ण समय में विकासशील दुनिया की आवाज को बुलंद कर सकती है जब वैश्विक भू-राजनीति के कारण तनाव बढ़ गया है.’

वैश्विक नजरिए से भारत और इसकी संभावनाओं पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जब वैश्विक नेता मुझसे मिलते हैं, तो वे विभिन्न क्षेत्रों में 140 करोड़ भारतीयों के प्रयासों के कारण भारत के बारे में आशावाद की भावना से भरे होते हैं. वे यह भी मानते हैं कि भारत के पास देने के लिए बहुत कुछ है और उसे वैश्विक भविष्य को आकार देने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. जी20 मंच के माध्यम से हमारे काम के प्रति उनके समर्थन में भी यह देखा गया है.’

गौरतलब है कि अफ्रीकी संघ को जी20 में सदस्यता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं. जून में, पीएम मोदी ने जी20 नेताओं को पत्र लिखकर नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को समूह की पूर्ण सदस्यता देने की वकालत की थी. प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में लिया जाएगा. अफ्रीकी संघ (एयू) एक प्रभावशाली संगठन है जिसमें 55 सदस्य देश शामिल हैं जो अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को बनाते हैं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.