पाकिस्तान में हिंदुओं पर जुल्म! मंदिरों में तोड़फोड़, UNESCO साइट को भी बनाया निशाना

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को अक्सर निशाना बनाया जाता है. यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों की श्रृंखला में से एक है.

पाकिस्तान के अधिकारियों ने भी इस पर न के बराबर कार्रवाई की है. हाल ही में सिंध प्रांत के मीठी शहर में एक और हिंदू मंदिर को उपद्रवियों ने निशाना बनाया है. यहां स्थित हिंगलाज माता मंदिर को अदालत के आदेश का हवाला देकर तोड़ा गया. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने UNESCO-संरक्षित स्थलों को भी नहीं बख्शा है.

इसके अलावा News18 ने इससे जुड़ी और भी घटनाओं का पता लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक लाइन के पास एक और हिंदू स्थल शारदा पीठ मंदिर को तोड़ा गया था. यह कार्रवाई मंदिर की सुरक्षा के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद हुई. माना जा रहा है कि मंदिर के पास एक कॉफी हाउस का निर्माण किया जा सकता है.

शीर्ष सरकारी सूत्र मानते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ इस तरह के अत्याचार की कोई अलग घटनाएं नहीं हैं. समुदाय को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें अल्पसंख्यकों को लक्षित करना, हत्याएं और उनकी भूमि पर अतिक्रमण करना शामिल हैं. ऐसे मामलों में अक्सर सरकारी समर्थन प्राप्त होता है. यहां तक ​​कि यूनेस्को स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त शारदा पीठ भी विनाश से नहीं बच पाई.

पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में रहती है, जहां वे संस्कृति, परंपरा और भाषा मुस्लिम निवासियों के साथ साझा करते हैं. वे चरमपंथियों द्वारा परेशान किए जाने की अक्सर शिकायत करते हैं. मंदिरों पर हो रहे हमलों की खबर भी सबसे ज्यादा सिंध प्रांत से आती है. मुल्क के अन्य हिस्सों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं. हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि, समुदाय के मुताबिक, देश में हिंदुओं की जनसंख्या 90 लाख से ज्यादा है.

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