सूरज के सफर पर निकला आदित्य-L1, पीएम मोदी ने ISRO को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले सूर्य मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और इसके वैज्ञानिकों को शनिवार को बधाई दी. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य L1 का शनिवार पूर्वाह्न 11:50 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया.
इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अतंरिक्ष की बेहतर समझ विकसित करने के वास्ते हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे.’ उन्होंने लिखा, ‘भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को बधाई.’
सूर्य की ओर 125 दिन की यात्रा पर बढ़ेगा आदित्य एल-1
इसरो ने कुछ दिन पहले चंद्रमा पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने के बाद एक बार फिर इतिहास रचने के मकसद से शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का सफल प्रक्षेपण किया. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी बताया कि ‘आदित्य-एल1’ यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है और अब यह सूर्य की ओर 125 दिन की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ेगा. भारत का यह मिशन सूर्य से संबंधित रहस्यों से पर्दा हटाने में मदद करेगा.
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष यान को “सटीक कक्षा” में स्थापित कर दिया गया है. सोमनाथ ने कहा, ‘आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को पीएसएलवी ने बहुत सटीक तरीके से 235 गुणा 19,500 किलोमीटर की अपेक्षित अंडाकार कक्षा में स्थापित कर दिया.’ सोमनाथ ने बताया कि अब से आदित्य एल1 सूर्य की ओर 125 दिन की लंबी यात्रा पर जाएगा.
पृथ्वी से 15 लाख KM की दूरी पर रहेगा सूर्य यान
सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 इसके बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा. इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही इसके करीब जाएगा. यह यान पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में पहले लैग्रेंज (L1) प्वाइंट पर तैनात किया जाएगा.
इसरो ने कहा कि धरती से इस एल1 प्वाइंट की दूरी 15 लाख किलोमीटर है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष यान द्वारा 4 महीने के दौरान विभिन्न युक्तियों के माध्यम से पार करने का अनुमान है. उल्लेखनीय रूप से, यह दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच कुल 150 मिलियन किमी की दूरी का केवल 1 प्रतिशत दर्शाती है.