गाय को ‘राज्यमाता-गोमाता’ का दर्जा, चुनाव से पहले शिंदे सरकार का फैसला, महाराष्ट्र ऐसा करने वाले पहला प्रदेश

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वैदिक काल से देशी गायों की अहमियत को देखते हुए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ‘राज्यमाता-गोमाता’ का दर्जा दिया है.

इस बाबत सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है. इस तरह से, गाय को राज्यमाता घोषित करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है. महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में शिदे सरकार का यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है.

राज्य कृषि, डेयरी विकास, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित करने के पीछे अन्य वजहों में मानव पोषण में स्वदेशी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक और पंचगव्य उपचार और जैविक खेती में गाय के खाद का उपयोग भी शामिल है.

एक अधिकारी ने कहा, “राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आया यह फैसला भारतीय समाज में गाय के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व पर जोर देता है.” उन्होंने कहा कि यह उस अभिन्न भूमिका को सबके सामने लाने की कोशिश करता है जो गायों ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में सदियों से निभाई है.

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार के फैसले में, राज्य सरकार ने गाय के गोबर के कृषि लाभों पर जोर दिया है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और मानव पोषण में योगदान देता है. इसके साथ ही टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के सरकार की कोशिशों को दिखाता है.”

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