मंकीपॉक्स की भारत में दस्तक! विदेश से लौटे शख्स में दिखा Mpox का संक्रमण, आइसोलेशन में भेजा
केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि एक युवक में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के लक्षण पाए गए हैं. मरीज को एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। यह देश में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जिस युवक में एमपॉक्स के लक्षण मिले हैं, वह अभी हाल ही में संक्रमण प्रभावित देश की यात्रा करके आया था. मंत्रालय ने कहा, “मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में अलग कर दिया गया है और वर्तमान में उसकी हालत स्थिर है.” हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि युवक किस देश की यात्रा करके आया था. साथ ही वह किस राज्य से है, इसका भी खुलासा नहीं किया गया है.
बयान में कहा गया है कि एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है. मामले को तय प्रोटोकॉल के अनुरूप प्रबंधित किया जा रहा है. इसके अलावा संभावित स्रोतों की पहचान करने तथा देश के भीतर प्रभाव का आकलन करने के लिए मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एमपॉक्स को लेकर सरकार अलर्ट है और दूसरे देशों से यात्रा कर भारत आने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है. किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं. साल 2022 में एमपॉक्स का वैश्विक प्रकोप हुआ, जिसमें भारत सहित कई देश प्रभावित हुए.
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसमें बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े हो जाते हैं। यह छूने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि चिंता का कोई कारण नहीं है और देश ऐसे इक्का-दुक्का मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को एमपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बताते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था. अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक जीन कासिया ने भी इसे कॉन्टिनेंटल सिक्योरिटी (पीएचईसीएस) का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, “एमपॉक्स का क्लेड 1 बी अपनी उच्च संक्रामकता और अधिक गंभीर परिणामों की संभावना के कारण विशेष रूप से चिंता का विषय है.” अफ्रीका सीडीसी द्वारा जारी एक महामारी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष की शुरुआत से 12 अफ्रीकी देशों में 18,737 एमपॉक्स मामले (3,101 पुष्ट और 15.636 संदिग्ध) सामने आए हैं. इसके परिणामस्वरूप 541 मौतें हुई हैं.
वर्ष 2023 में अफ्रीका के सात देशों में 14,838 एमपॉक्स मामले (1,665 पुष्ट और 13,173 संदिग्ध) दर्ज किए. इसमें 738 लोगों की मौतें हुईं. 2022 के एमपॉक्स प्रकोप के विपरीत, 2024 का प्रकोप व्यापक रूप से जनसांख्यिकीय को प्रभावित कर रहा है. मुख्य रूप से सीधे संपर्क के माध्यम से फैलने वाला यह वायरस पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में पाया गया है.
लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सभी 26 प्रांतों में एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं. अफ्रीका सीडीसी में आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया प्रभाग के कार्यवाहक प्रमुख मेरावी अरागाव टेगेग्ने ने कहा कि “एमपॉक्स हमारे क्षेत्र में स्थानीय है.” हालांकि, परीक्षण और निगरानी की भारी कमी से बीमारी की गंभीरता की पूरी तस्वीर सामने नहीं आ रही है.