भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव 30 अगस्त को मनाने के लिए मथुरा (Mathura) में जन्माष्टमी (Janmashtami) की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.
मथुरा के रामलीला मैदान में रविवार से तीन दिवसीय कृष्णोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होगा और सोमवार को जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath ) इसमें शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नागेंद्र प्रताप ने यह जानकारी दी. यह आयोजन परिषद, राज्य के पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.
परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा ने बताया, ‘‘सोमवार को, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर साढ़े तीन बजे मथुरा आएंगे।. वह कृष्णोत्सव का उद्घाटन करने के लिए रामलीला मैदान जाएंगे.” मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री का मथुरा में करीब 90 मिनट ठहरने का कार्यक्रम है इस दौरान वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिरों में दर्शन भी करेंगे.
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, ‘‘ भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को बनाने का कार्य शुरू हो गया है. क्लॉक रूम बनाने के लिए जगहों का चुनाव कर लिया गया है.” श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 की वजह से इस बार आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद नहीं देने का फैसला किया गया है.
उन्होंने बताया कि क्लॉकरूम के लिए चार स्थान- रूपम सिनेमा, गोविंद नगर पुलिस थाने के सामने, गल्तेश्वर मंदिर तिराहा और राधा पार्क तय किए गए है और 29 अगस्त तक तैयारी हो जाएंगी भक्तों को जानकारी देने के लिए लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं. केशव देव मंदिर, भागवत भवन में भी इस अवसर के लिए विशेष तैयारियां की गई है.
राधा रमण मंदिर के महासचिव पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि वृदांवन स्थित राधा रमण मंदिर, राधा दामोदर मंदिर और शाह जी मंदिर में जन्माष्टमी पर ‘चरणामृत’ वितरण अहम होता है, इसलिए मंदिर के दल ग्रामीणों से गाय का दूध और दही की आपूर्ति अभिषेक उत्सव (भगवान कृष्ण के बालू स्वरूप के स्नान के लिए) के लिए सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रहे हैं.
वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की विशेष व्यवस्था की जा रही है. मंदिर के प्रबंधक मुंशी शर्मा ने बताया कि 30 अगस्त की मध्य रात्रि से दर्शन शुरू होंगे. मंगल दर्शन साल में एक बार महज दो घंटे के लिए होती है.
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि कोविड-19 नियमों के तहत भंडारा आयोजित करने से पहले उसकी अनुमति लेना अनिवार्य है. गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना, बलदवे और महाबन स्थित कृष्ण मंदिरों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं.