मनीष सिसोदिया एक साल बाद जेल से आएंगे बाहर, जानें कोर्ट ने क्यों दी AAP नेता को अंतरिम जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया को अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए सोमवार को तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है.
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने क्रमश: सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में 13-15 फरवरी तक सिसोदिया को राहत दी है.
दिल्ली की रॉउज ऐवन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए सिसोदिया से पूछा कि अर्जी में यह क्यों कहा जा रहा है कि सिसौदिया परिवार के एकमात्र पुरुष सदस्य हैं, क्या अनुष्ठान करने के लिए कोई अन्य पुरुष मौजूद नहीं हैं.
अदालत ने मनीष सिसोदिया से यह भी पूछा कि क्या वह सिविल ड्रेस पहने 5-6 पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में शादी में शामिल होने के लिए राजी हैं. सिसोदिया के वकील ने कहा कि साथ पुलिस भेजकर मेरे परिवार को अपमानित न करे. कोर्ट की टिप्पणी किया कि मंत्री रहते हुए भी प्रोटोकॉल के तौर पर सुरक्षा मुहैया कराई जाती होगी.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत अर्जी का कड़ा विरोध किया. ED ने कहा कि सिसोदिया बेहद प्रभावशाली हैं, अगर आर्थिक अपराधों के आरोपी लोगों को ऐसी स्वतंत्रता प्रदान की जाती है तो यह गलत मिसाल कायम करेगा. ईडी ने कहा कि सिसौदिया को बिना सुरक्षा के एक दिन के लिए जाने की अनुमति दी जा सकती है.
सीबीआई ने अब समाप्त हो चुकी दिल्ली शराब घोटाले नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर 26 फरवरी, 2023 को पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था. सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया था.