CBI अफसर के सुसाइड को मनीष सिसोदिया ने अपने केस से जोड़ा, स्टिंग ऑपरेशन पर भी बोले
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई के अफसर की मौत को अपने केस से जोड़ते हुए बड़ा दावा किया है। मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी देने के लिए दबाव में सीबीआई के लीगल अडवाइजर जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या की।
सिसोदिया ने इस दौरान बीजेपी की ओर से किए गए ‘स्टिंग ऑपरेशन’ को मजाक करार देते हुए कहा कि सीबीआई को उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है।
शराब घोटाले को लेकर भाजपा की तरफ से चलाए जा रहे हैं कि स्टिंग को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पलटवार किया है। सिसोदिया ने कहा कि वह स्टिंग नहीं मजाक है, शराब घोटाले को लेकर भाजपा ने खूब हो-हल्ला मचाया कभी 8 हजार करोड़ कभी तो कभी 11000 करोड़ तो तकेभी डेढ़ लाख करो खुद तय नहीं कर पाए कि घोटाला कितने का हुआ। सिसोदिया ने कहा, ”सीबीआई ने मेरे घर पर, मेरे बैंक लॉकर की जांच की उसमें भी उन्हें कुछ नहीं मिला। दो कंपनी के लेन देंन को मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की। मगर सीबीआई जांच में मुझे लगभग क्लीन चिट मिल गई है। तो अब गाड़ी में पता नहीं किससे सवाल-जवाब करके उसे स्टिंग बताया जा रहा है इस तरह के मेरे पास भी पास भी स्टिंग है मैं भी चला सकता हूं। लेकिन भाजपा का स्टिंग नहीं मजाक है….।”
दबाव में सीबीआई अफसर ने की आत्महत्या: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा, ”दो दिन पहले सीबीआई के एक अधिकारी ने आत्महत्या की। उनके बारे में पता चला है कि जीतेंद्र कुमार डेप्युटी लीगस अडवाइजर थे, सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच में। इनका काम था लीगली चीजों को देखना। मेरे खिलाफ जो फर्जी एफआईआर कराई गई है एक्साइज के मामले में, उसका लीगल मामला भी वही देख रहे थे। उन पर दबाव डाला जा रहा था कि मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस बनाकर मुझे अरेस्ट कराने की लीगल मंजूरी दें, जिसको वह मंजूरी नहीं दे रहे थे। उनपर इतना दबाव था कि मानसिक दबाव में आ गए और सुसाइड कर लिया। यह बहुत दुख की बात है कि सीबीआई के एक अधिकारी, जिसे दिख रहा था कि पूरा मामला फर्जी है, उस पर इतना दबाव बनाया गया कि आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। यह बहुत अफसोसजनक है।”
पीएम मोदी से पूछे तीन सवाल
मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल भी पूछे और कहा, ”अगर आप चाहते हैं तो मुझे गिरफ्तार करें, लेकिन अपने अधिकारियों के परिवारों को बर्बाद न करें। प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्यों अधिकारियों पर इतना अधिक दबाव डाला जा रहा है कि वह ऐसा कदम उठाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए कि केंद्र के पास क्या एक मात्र काम सिर्फ ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाना ही रह गया है, जिस तरह राज्यपालों और उपराज्यपालों, सीबीआई, ईडी पर दबाव डालकर उलटे काम कराए जा रहे हैं। तीसरा सवाल है कि जनता की चुनी सरकार को कुचलने के लिए और कितनी कुर्बानियां लेंगे?”