कल्याण सिंह और मायावती के एजेंडे पर बनेगा महाराष्ट्र में CM? फडणवीस या एकनाथ शिंदे… कब खत्म होगा सस्पेंस

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महाराष्ट्र चुनाव में बंपर जीत के बाद अब महायुति के सामने मुख्यमंत्री पद को लेकर पेच फंस गया है. भाजपा की अगुवाई वाली महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 230 सीटें जीतीं, जिसमें से बीजेपी के खाते में 132 सीटें आई हैं, जबकि एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 56 सीटों पर कब्जा जमाया है और अजित पवार की एनसीपी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की. इस लिहाज से देखा जाए, तो बीजेपी के सामने उसकी गठबंधन पार्टियां कहीं भी नजर नहीं आती.

ऐसे में यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी की अगुवाई करने वाले देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले सीएम हो सकते हैं, लेकिन 23 नवंबर को मतगणना के दिन एकनाथ शिंदे ने यह कहकर सस्पेंस बना दिया कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर ऐसी कोई बात नहीं हुई थी कि जिसकी ज्यादा सीटें आएंगी, वही सीएम पद का दावेदार होगा.

यही वजह है कि प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी महायुति में अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा? हालांकि, यहां वो फॉर्मूला लगाया जा सकता है, जिसके अंतर्गत भाजपा-बसपा ने मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी और सीएम पद के लिए 6-6 महीने के रोटेशन पर समझौता हुआ था. हालांकि, यह भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका था और प्रदेश सरकार गिर गई थी.

समझौते के तहत मार्च 1997 से सितंबर 1997 तक मायावती मुख्यमंत्री रहीं, जिसके बाद 21 सितंबर को कल्याण सिंह सीएम की कुर्सी पर बैठे, लेकिन एक महीने बाद ही मायावती ने समर्थन वापस ले लिया. ऐसे में कल्याण सिंह की कुर्सी जाने वाली थी, पर उन्होंने दो दिन के अंदर अपना बहुमत साबित कर दिया और फिर सितंबर 1997 तक वे सीएम बने रहे.

तो महाराष्ट्र में भी इस तरह के फॉर्मूले से सरकार चलाई जा सकती है. हालांकि, महायुति की सभी पार्टियां कह रही हैं कि जो भी फैसला होगा, वो सर्वसम्मति से होगा. अब यह देखना दिलचस्प है कि वहां का सीएम कौन होगा? भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 230 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) वाली विपक्षी महाविकास आघाडी को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह सिर्फ 46 सीटें ही जीत पाई.

कांग्रेस सिर्फ 16 सीट पर ही सिमट गई. यहां तक ​​कि इसके वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट भी कराड दक्षिण और संगमनेर सीट पर हार गए. कांग्रेस की महाराष्ट्र ईकाई के प्रमुख नाना पटोले सांकोली सीट पर मात्र 208 मतों के मामूली अंतर से ही जीत पाए.

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