शुभ योग में 10 फरवरी से शुरू हो रही माघ गुप्त नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का समय, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

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हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत शुभ दिनों में से एक माना जाता है. हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि साल में चार बार आती है. वैसे तो चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रसिद्ध है, इसके अतिरिक्त अन्य दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं.

नवरात्रि माघ और आषाढ़ के महीने में आती है. माघ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा के भक्त माता की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से ही साधना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. तो चलिए जानते हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या से माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से शुरू होने जा रही है साथ ही जानेंगे पूजा विधि.

क्यों खास होती है गुप्त नवरात्रि ?

माघ महीने में पड़ने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है. गुप्त नवरात्रि पर माता के भक्त 10 महाविद्याओं की पूजा अर्चना गुप्त तरीक़े से करते हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. तांत्रिक, अघोरी और महाकाल के भक्तों के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण है. गुप्त नवरात्रि पर तांत्रिक, अघोरी तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करते हैं. गृहस्थ जीवन वालों को इस दौरान मां दुर्गा की सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से संकट खत्म होते हैं.

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 तिथि

इस वर्ष माघ माह की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 18 फरवरी 2024 को हो जाएगा. ये नवरात्री माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है. मान्यता के अनुसार तंत्र साधना करने वालों के लिए गुप्त नवरात्रि एक स्वर्णिम अवसर है.

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 मुहूर्त

माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 10 फरवरी 2024, शनिवार के दिन से ही प्रारंभ हो रही है. जो सुबह 4:28 पर शुरू हो जाएगी और 11 फरवरी 2024 को प्रातः 12:47 पर समाप्त होगी. इसी दिन से गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ होगा.

कलश स्थापना का समय

नवरात्रि के दिनों में घट स्थापना को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन घट स्थापना का मुहुर्त सुबह 8:45 बजे से 10:10 बजे तक रहेगा. कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 :13 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक रहेगा.

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि

-मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा-पाठ के साथ गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है. -कलश स्थापना करने के बाद मां दुर्गा के समक्ष सुबह शाम दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें.

-गुप्त नवरात्रि में पूजा के समय मां दुर्गा को लौन्ग और बताशे का भोग लगाएं.

-कलश स्थापना करते समय मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प और लाल रंग की चुनरी भी अर्पित करें.

-ऐसा करने से मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं, और आपके ऊपर अपनी कृपा बनाए रखती हैं.

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