लोकसभा चुनाव: BJP और चंद्रबाबू के बीच डील डन! पवन कल्याण के लिए खास व्यवस्था, कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव
दक्षिण भारत के ज्यादा से ज्यादा राज्यों में पैठ बनाने की कोशिश कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ी सफलता मिली है. बीजेपी ने आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के साथ चुनावी गठजोड़ को अंतिम रूप दे दिया है.
बीजेपी और टीडीपी ने लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर डील पक्की कर ली है. दोनों दलों के बीच पिछले कुछ समय से चुनावी गठबंधन करने को लेकर लगातार बतचीत चल रही थी. अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है. वहीं, अभिनेता से नेता बने साउथ फिल्मों के सुपरस्टार पवन कल्याण की पार्टी को भी NDA में शामिल कर लिया गया है. सूत्रों की मानें तो इन तीनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर डील डन हो गई है.
चंद्रबाबू की पार्टी पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुकी थी. तेलुगु देशम पार्टी केंद्र में भी एनडीए की भागीदार पार्टी की भूमिका निभा चुकी है. बाद के समय में भाजपा और टीडीपी में दूरियां बढ़ गई थीं. अब एक बार फिर दोनों पार्टियों ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है. भाजपा ने साउथ फिल्मों के सुपरस्टार और राजनीति में कदम रखने वाले पवन कल्याण की पार्टी के साथ भी चुनावी गठजोड़ किया है. आंध्र प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ गठजोड़ किया गया है.
सीट बंटवारे का फॉर्मूला
बीजेपी और टीडीपी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर हुए गठजोड़ से दोनों दलों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है. भाजपा और टीडीपी के बीच चुनावी गठजोड़ के बाद सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है. सूत्रों का दावा है कि गठजोड़ के लिए तय फॉर्मूले के तहत बीजेपी आंध्र प्रदेश में लोकसभा की कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं, विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दूसरी तरफ, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी लोकसभा की 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, जबकि 3 सीटें जनसेना के खाते में गई है.
लंबे समय से चल रही थी बात
बीजेपी के शीर्ष नेता और टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बीच गठबंधन को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी. सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा था, जिसे अब सुलझा लिया गया है. अभी तक के फॉर्मूले के अनुसार, भाजपा, तेदेपा और जनसेना पार्टी के बीच सहमति बन गई है. बता दें कि भाजपा दक्षिण भारत में लगातार अपना पैर जमाने की कोशिश कर रही है. इस लिहाज से आंध्र प्रदेश में भाजपा और टीडीपी के एक साथ आने का कदम काफी महत्वपूर्ण है.