हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों? विश्वकर्मा पूजा पर छुट्टी को लेकर उठा विवाद तो ममता सरकार के पुराने कारनामे गिनाने लगे लोग
कोलकाता नगर निगम ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें लिखा था कि नगर निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी कैंसिल कर दी गई.
उसकी जगह ईद पर एक के बजाय दो दिन की छुट्टी रहेगी. जैसे ही यह सर्कुलर सामने आया, बवाल मच गया. बीजेपी ने ममता सरकार को घेर लिया. उसे ‘मुस्मिल लीग सरकार पार्ट 2’ करार दे दिया. सोशल मीडिया यूजर्स भी इस सर्कुलर को देखकर भड़क उठे पूछने लगे कि ममता दीदी हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों करती हैं? कुछ लोग तो पश्चिम बंगाल सरकार के पुराने कारनामे भी गिनाने लगे, जब हिन्दू त्योहारों पर रोक लगा दी गई.
बवाल मचा तो कोलकाता नगर निगम की ओर से सफाई दी गई. कहा गया कि यह typographical error है. यानी टाइप करने में गलती हो गई है. बिना आला अधिकारियों की मंजूरी के इसे जारी किया गया था. इस नोटिस को तत्काल वापस ले लिया गया है. विश्वकर्मा पूजा पर छुट्टी बरकरार रहेगी. इस गलती के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने सर्कुलर शेयर करते हुए कहा था, ममता सरकार हिन्दुओं के अपमान का कोई मौका नहीं छोड़ती. अब हिन्दुओं के पर्व पर छुट्टियां भी रद्द की जा रही हैं. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ममता सरकार उस तरह से चल रही है, जैसे ये सरकार मुस्मिल लीग पार्ट 2 हो.
यह पहली बार नहीं है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कई बार मुस्लिमों को खुश करने के आरोप लगे हैं. विपक्षी दल, खासकर बीजेपी का कहना है कि ममता मुस्लिमों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाती हैं. हिन्दुओं को अपमान करने की बार-बार कोशिश की जाती है. सोशल मीडिया में लोग कुछ उदाहरण भी दे रहे हैं.
1. इमाम भत्ता (2012)
ममता सरकार ने इमामों को 2,500 रुपये और मुअज्जिनों को 1,500 रुपये मासिक भत्ता देने का फैसला किया तो भी जबरदस्त विवाद हुआ. लोगों ने कहा कि यह हिंदुओं के साथ गलत है. हालांकि, बाद में कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया.
2. दुर्गा विसर्जन और मुहर्रम (2017, 2018)
ममता सरकार ने दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उसी समय मुहर्रम था. हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और कहा कि यह गलत है. कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को गलत बताया.
3. जय श्री राम के नारे पर गुस्सा (2019)
चुनाव के दौरान ममता बनर्जी जय श्री राम के नारे लगाने वालों पर गुस्सा हो गईं. कुछ वीडियो में यह नजर भी आया. बीजेपी ने इसे जमकर मुद्दा बनाया और कहा कि ममता बनर्जी हिंदुओं के खिलाफ हैं और मुस्लिमों को खुश कर रही हैं.
4. मदरसों को पैसा और मुस्लिम छात्रों को स्कॉलरशिप
ममता बनर्जी सरकार ने मदरसों को ज्यादा पैसा देने और मुस्लिम छात्रों के लिए अलग से स्कॉलरशिप शुरू की. हिंदू संगठनों ने कहा कि हिंदू स्कूलों को ऐसा कोई फायदा नहीं मिलता. इसके बाद भी जमकर बवाल हुआ था.
5. नागरिकता कानून (CAA) का विरोध (2019-2020)
केंद्र सरकार जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA ) लेकर आई तो ममता बनर्जी ने जमकर विरोध किया. यहां तक कहा कि अगर यह बंगाल में लागू हो गया तो मुसलमान सुरक्षित नहीं रह पाएंगे, इसलिए हम इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगे.
6. चुनाव में मुस्लिमों से एकजुट होकर वोट करने को कहा (2021)
ममता बनर्जी ने चुनाव में मुस्लिमों से कहा कि वे सब मिलकर टीएमसी को वोट दें. चुनाव आयोग ने उन्हें इस पर नोटिस भी भेजा था और ऐसे बयान न देने की सलाह दी थी. बीजेपी ने कहा कि यह वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल है.
7. घुसपैठियों पर नरमी
ममता बनर्जी पर आरोप लगते रहे हैं कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ सख्त नहीं हैं. बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार मुस्लिम वोट बैंक के लिए ऐसा कर रही है.
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