J&K के 16 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, ‘ISIS-वॉयस ऑफ हिंद’ और ‘IED रिकवरी’ मामले में कार्रवाई

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में ‘आईएसआईएस-वॉयस ऑफ हिंद” और ”बठिंडी आईईडी रिकवरी” मामले में 16 जगहों पर छापेमारी की.

आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक साथ तलाशी ली. साथ ही एनआईए ने कर्नाटक (Karnataka) के भटकल में दो स्थानों पर तलाशी ली थी और ‘आईएसआईएस-वॉयस ऑफ हिंद’ मामले में मुख्य आरोपी जुफरी जवाहर दामुदी को गिरफ्तार किया था.

भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने के लिए भारत में प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिश के सिलसिले में इस साल 29 जून को मामला दर्ज किया गया था.

एनआईए ने कहा कि भारत में ISIS कैडरों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय ISSI के आतंकवादियों ने छद्म ऑनलाइन पहचान के साथ एक नेटवर्क बनाया, जिसमें आईएसआईएस से संबंधित प्रचार सामग्री को कट्टर बनाने और सदस्यों को आईएसआईएस में भर्ती करने के लिए प्रसारित किया जाता है.

एनआईए ने इसी मामले में इस साल 11 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में कई तलाशी ली थीं और तीन आरोपियों उमर निसार, तनवीर अहमद भट और रमीज अहमद लोन को गिरफ्तार किया था. ये सभी अनंतनाग जिले के अचबल इलाके के सभी निवासी हैं.

साइबर इकाई ”अबू हाजीर अल बद्री” आईएसआईएस का एक प्रमुख संचालक है, जो ”वॉयस ऑफ हिंद” का दक्षिण भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने और इसके आगे प्रसार में शामिल है. उसकी पहचान जुफरी जवाहर दामुदी के रूप में की गई और उसे इसी साल एनआईए और कर्नाटक पुलिस के संयुक्त अभियान में 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी ने कहा कि साइबर आईडी का इस्तेमाल लोगों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए भी किया जाता था.

एजेंसी ने कहा, “जुफरी जौहर, अदनान हसन दामुदी का छोटा भाई है, जिसे 2016 में आईएसआईएस से संबंधित गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह एक अलग एनआईए मामले में नजरबंद है.”

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