जितिया व्रत के दिन न करें ये गलतियां, संतान पर पड़ेगा नकरात्मक प्रभाव, देवघर के ज्योतीषी से जानें सबकुछ

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अश्विन माह की शुरुआत हो चुकी है. इस महीने कई बड़े पर्व त्यौहार भी मनाये जाते है. जैसे नवरात्री, जितिया,शरद पूर्णिमा, पितृ अमवास्या इत्यादि है.

आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अस्टमी तिथि बेहद खास होता है. क्योंकि इसी दिन सभी माताए संतान के लिए जितिया व्रत रखती है.इस व्रत के करने से उनके संतान के ऊपर कोई आफत विपदा नहीं आती है.

जीवन सुख समृद्धि से बीतता है.इस व्रत मै कुछ नियमों का पालन भी करना पड़ता है. कुछ गलतियों को करने से भी बचना चाहिए. अन्यथा संतान पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है. माताओ को क्या गलती करने से बचना चाहिए?. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है.

अश्विन माह की शुरुआत हो चुकी है. इस महीने कई बड़े पर्व त्यौहार भी मनाये जाते है. जैसे नवरात्री, जितिया,शरद पूर्णिमा, पितृ अमवास्या इत्यादि है. आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अस्टमी तिथि बेहद खास होता है. क्योंकि इसी दिन सभी माताए संतान के लिए जितिया व्रत रखती है.इस व्रत के करने से उनके संतान के ऊपर कोई आफत विपदा नहीं आती है.

जीवन सुख समृद्धि से बीतता है.इस व्रत मै कुछ नियमों का पालन भी करना पड़ता है. कुछ गलतियों को करने से भी बचना चाहिए. अन्यथा संतान पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है. माताओ को क्या गलती करने से बचना चाहिए?. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है.

जितिया मे भूलकर भी ना करे यह गलती

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस व्रत का विधान है की अष्टमी तिथि पड़ जाने के बाद अन्ना जल त्याग कर देना चाहिए. नवमी तिथि के बाद ही पारण करना चाहिए लेकिन उदयातिथि के बाद ही. कई लोग नवमी तिथि में ही पारण कर लेते हैं ऐसा गलती बिल्कुल भी ना करें अन्यथा आपका व्रत निष्फल हो जाएगा.

जितिया पारण के दिन स्नान कर सूर्य भगवान को अर्घ देने के बाद ही पारण करे.

इस दिन गाय को भोजन कराना ना भूले गाय को भोजन कराने से सकरात्मक प्रभाव पड़ता है.

जितिया व्रत के दिन मन,वचन और कर्म को शुद्ध रखे. तभी व्रत सफल माना जायेगा.

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