कुर्सी पर संकट के बीच हेमंत सोरेन चल सकते हैं बड़ा दांव, इस्तीफे की अटकलें
पत्थर खनन लीज आवंटन को लेकर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस का सामना कर रहे हेमंत सोरेन आज बड़ा दांव चल सकते हैं। अटकलें है कि सोरेन आज कैबिनेट बैठक के बाद इस्तीफा दे सकते हैं।
चुनाव आयोग की ओर से की गई सिफारिश पर राज्यपाल के फैसले से पहले वह खुद ही विधायकी और सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद नए सिरे से दावा पेश कर सकते हैं। कैबिनेट बैठक के बाद यूपीए का एक प्रतिनिधिमंडल के राजभवन जाने की सूचना है।
सत्ताधारी महागठबंधन के 30 से अधिक विधायकों को पहले ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेज दिया गया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब राजभवन से किसी भी समय उनकी सदस्यता पर फैसला आ सकते है। चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस की जांच के बाद अपनी सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस को भेज दिया था। सूत्रों का कहना है कि इसमें हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।
इस बीच सूत्रों का कहना है कि सोरेन अपनी सदस्यता पर लटकी तलवार से छुटकारा पाने के लिए खुद ही इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। इस्तीफा देने के बाद वह एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इस तरह वह मुख्यमंत्री पद पर कायम रह सकेंगे। हालांकि, छह महीने के भीतर उन्हें दोबारा विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। हेमंत सोरेन के इस्तीफे की अटकलों के बीच जेएमएम का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करने जा रहा है। राजभवन से इसकी पुष्टि की गई है।
क्या है विधानसभा का गणित
81 सीटों वाली विधानसभा में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के 49 विधायक हैं, जबकि सीपीआईएमएल के एकमात्र विधायक का समर्थन भी गठबंधन को हासिल है। वहीं, विपक्ष में 30 विधायक हैं। भाजपा के 26, आजसू के 2 और 2 निर्दलीय विपक्ष में है।