जम्मू-कश्मीर में इस साल 93 एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने 172 आतंकियों को जहन्नुम भेजा, अब शुरू होगा ‘मिशन जीरो टेरर’
जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबल आतंकी संगठनों और आतंकियों के लिए काल बने हुए हैं. पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें करता रहता है, सीमा पार से घुसपैठ कराता है.
भारतीय फौज अपनी मुस्तैदी से पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम कर देती है और आतंकियों को जहन्नुम का रास्ता दिखाती है. राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह और कश्मीर जोन के एडीजीपी विजय कुमार ने आज श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साल 2022 का लेखा-जोखा पेश किया.
विजय कुमार ने बताया कि इस साल यानी 2022 में घाटी में 93 सफल ऑपरेशन हुए, जिसमें 42 विदेशी आतंकवादियों सहित कुल 172 आतंकवादी मारे गए. एडीजीपी ने बताया कि इस साल आतंकवादियों की नई भर्तियों में 37 फीसदी की कमी आई है. सबसे ज्यादा (74) आतंकी लश्कर में शामिल हुए. इस साल हुई कुल 65 आतंकवादियों की भर्ती हुई, इनमें से 58 (89%) को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए, 17 आतंकवादी गिरफ्तार हुए और 18 आतंकवादी अब भी सक्रिय हैं. एडीजीपी ने बताया कि नए भर्ती हुए आतंकवादियों के घाटी में सक्रिय होने से पहले ही उन्हें न्यूट्रलाइज कर दिया गया.
जम्मू-कश्मीर में हुए अलग-अलग एनकाउंटर में इस साल भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं. विजय कुमार ने बताया कि 360 मुठभेड़ों और मॉड्यूल के भंडाफोड़ के दौरान AK सीरीज की 121 रायफलें, 08 एम-4 कार्बाइन और 231 पिस्तौलें बरामद की गईं. इसके अलावा आईईडी, स्टिकी बम और ग्रेनेड की समय पर जब्ती से बड़ी आतंकी घटनाएं टल गईं. डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि बीते 4 साल में 2022 बहुत अच्छा रहा है. सबसे कम सक्रिय आतंकवादियों की संख्या इस साल है. जैश और लश्कर के साथ टीआरएफ के आतंकी घाटी में वारदातों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं. इन्हें पाकिस्तान सपोर्ट करता है.