सूरज का सितम! श्रीनगर में गर्मी ने तोड़ा 53 साल का रिकॉर्ड, सिंतबर में सबसे गर्म दिन 34 डिग्री के पार गया पारा

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जम्मू-कश्मीर नाम सुन कर आपके ज़हन में सबसे पहले क्या आता है, स्वाभाविक है आप भी सभी की तरह बर्फ से ढंकी वादियों, डल लेक में तैरते शिकारे और गर्मा गर्म कहवे की खुशबू की कल्पना ही करेंगे.

लेकिन जलवायु परिवर्तन की वजह से जो दुनियाभर में मौसम और फिज़ाओं में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. उसकी वजह से अब आपको अपने ख्वाबों की ताबीर बदलनी होगी, क्योंकि अब हिमाचल में भारी बारिश सैलाब ला रही है तो जम्मू-कश्मीर में सबसे गर्म दिन ने अपना 53 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

श्रीनगर में सितंबर में गर्मी का आधी सदी का रिकॉर्ड टूट गया है. 12 सितंबर को यहां पर तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस था जो पिछले 53 सालों का सबसे गर्म दिन था. इससे पहले 1 सितंबर, 1970 को यहां पर तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था. सितंबर महीने में श्रीनगर में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान 28 सितंबर, 1934 को दर्ज किया था, उस दिन यहां का तापमान 35 डिग्री पहुंचा था.

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय मौसम विभाग की निदेशक सोनम लोटस के मुताबिक, 12 सितंबर को श्रीनगर का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक है. इस असाधारण गर्मी ने 53 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लोटस ने कहा, “श्रीनगर में अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक है. इसने 1 सितंबर, 1970 को दर्ज किए गए 33.8 डिग्री सेल्सियस के 53 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. सितंबर का अब तक का उच्चतम तापमान 28 सितंबर, 1934 को 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.” अनंतनाग जिले में स्थित काजीगुंड में भी रिकॉर्ड तोड़ तापमान रहा, अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस था. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह 12 सितंबर, 2019 को दर्ज किए गए पिछले उच्चतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया.

मौसम विभाग ने कश्मीर में अगले 4-5 दिनों तक लू या गंभीर लपट चलने का अंदेशा जताया है. लंबे समय तक चले इस शुष्क दौर की वजह स्थिर वायुमंडलीय हालात हैं., जिसके कारण नमी में कमी आई है. मौसम अधिकारियों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर राज्य में अगले सप्ताह तक बारिश में कमी जारी रहने की उम्मीद है. क्षेत्र में लगातार जारी सूखे के कारण झेलम नदी में भी पानी की भीषण कमी आई है.

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