अंतरिम बजट: मोदी सरकार के फौलादी इरादे की झलक दिखी, डिफेंस मद में 6.21 लाख करोड़ रुपये दिए

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केंद्र सरकार ने गुरुवार को घोषित अंतरिम बजट (Interim Budget) 2024-25 में रक्षा क्षेत्र (Defense Budget) के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि पिछले साल यह आवंटन 5.94 लाख करोड़ रुपये था.

इसके साथ ही सरकार ने सैन्य क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में पेश अंतरिम केंद्रीय बजट में, पूंजीगत व्यय के लिए सेना को कुल 1.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए. जिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान खरीदना शामिल है. पिछले साल यानी 2023-24 में पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.62 लाख करोड़ रुपये था.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ‘रक्षा प्रयोजनों के लिए गहन प्रौद्योगिकियों को मजबूत बनाने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए नयी योजना शुरू की जाएगी.’ बजट दस्तावेज के मुताबिक कुल राजस्व व्यय 4,39,300 करोड़ रुपये आंका गया है. जिनमें रक्षा पेंशन के लिए 1,41,205 करोड़ रुपये, रक्षा सेवाओं के लिए 2,82,772 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय (नागरिक) के लिए 15,322 करोड़ रुपये शामिल हैं. रक्षा सेवाओं के लिए पूंजीगत परिव्यय में, विमान और एयरो इंजन के लिए 40,777 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि ‘अन्य साजो-सामान’ के लिए 62,343 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

नए साजो-सामान की खरीद पर जोर

इसके साथ ही नौसेना बेड़े के लिए 23,800 करोड़ रुपये और नौसेना डॉकयार्ड परियोजनाओं के लिए 6,830 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में, भारतीय वायु सेना के लिए पूंजी परिव्यय सबसे अधिक 57,137.09 करोड़ रुपये था, जिसमें विमान और एयरो इंजन की खरीद के लिए 15,721 करोड़ रुपये और अन्य साजोसामान के लिए 36,223.13 करोड़ रुपये शामिल थे.

पूंजीगत व्यय 10,000 करोड़ रुपये बढ़ा

अंतरिम बजट में थल सेना के लिए राजस्व व्यय 1,92,680 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि नौसेना और वायु सेना को क्रमशः 32,778 करोड़ रुपये और 46,223 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण कुमार बेहरा ने कहा कि रक्षा बजट के तहत समग्र आवंटन से सेना के लिए सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट होती हैं. उन्होंने कहा कि ‘आवंटन से सशस्त्र बलों के प्रति प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं दिखती है.’ बेहरा ने पूंजीगत व्यय के तहत परिव्यय में 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि को ‘स्वस्थ संकेत’ बताया.

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