‘ये हमारा इलाका, इसलिए हम यहां…’, जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठक के बहिष्कार पर भारत का चीन को दो टूक जवाब
जम्मू-कश्मीर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित करने का चीन द्वारा विरोध जताए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि वह अपने क्षेत्र में बैठकें करने के लिए स्वतंत्र है. इसके साथ ही इसने कहा कि पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंधों के लिए उसकी सीमा पर अमन-चैन जरूरी है.
चीन ने इससे पहले श्रीनगर में G-20 बैठक में शामिल नहीं होने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह ‘विवादित क्षेत्र’ में इस आयोजन का विरोध करता है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा, ‘चीन विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह की जी-20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है. हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे.’ इस बीच, तुर्की और सऊदी अरब ने इस आयोजन के लिए पंजीकरण नहीं कराया है.
कश्मीर में 22 से 24 मई तक जी-20 की बैठक होने वाली है, जो यहां अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आयोजित होने वाले सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में से एक है. इस साल सितंबर माह में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं.
भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में G20 बैठकें आयोजित करने पर पाकिस्तान की आपत्तियों को पहले खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा था, ‘हमने इस तरह के बयानों को लगातार खारिज किया है और सभी संबंधित पक्ष इन मामलों पर हमारी स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं और हमेशा रहेंगे. किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं.’
प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशनल सेंटर (SKICC) में होने वाले इस कार्यक्रम में कश्मीर की हस्तशिल्प और कलाओं का प्रदर्शन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था, ‘मुख्य कार्यक्रम 22 और 23 मई को एसकेआईसीसी में आयोजित किया जाएगा. हम जी20 देशों और अतिथि देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद कर रहे हैं.’