हाथ जोड़े हेमंत सोरेन और सामने खड़े राहुल गांधी… झारखंड चुनाव की क्या कहानी बता रही यह तस्वीर?
झारखंड प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता और मुख्यमंत्री क्यों गांधी परिवार के सामने ऐसे हाथ जोड़ रहे हैं? असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर हेमंत सोरेन और राहुल गांधी की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए यह सवाल पूछा है.
कांग्रेस सांसद चुनावी राज्य के धनबाद जिले में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां एयरपोर्ट पर सीएम हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया. झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा ने दोनों नेताओं की इसी तस्वीर को लेकर सवाल पूछा है.
देखा जाए तो उनका यह सवाल सही भी है क्योंकि हेमंत सोरेन का राजनीतिक पद राहुल गांधी से से कहीं ज्यादा हैं. वह एक प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि राहुल गांधी कांग्रेस के सांसद मात्र हैं. झारखंड में इंडी गठबंधन के तहत जेएमएम सबसे अधिक 43 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस कांग्रेस 30 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए और लेफ्ट पार्टियां तीन विधानसभा सीटों से किस्मत आजमा रही है.
यह पहला मौका नहीं है, जब हिमंत बिस्वा ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. एक दिन पहले 8 नवंबर को भी उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए उनकी तुलना ‘दिशाहीन मिसाइल’ से की और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें ट्रेनिंग देने का अनुरोध किया था.
उन्होंने राहुल पर जनजातीय समुदायों, दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “झारखंड में जनजातीय समुदायों की हालत मणिपुर से बदतर है…राहुल गांधी ने भोगनाडीह और गैबाथन जैसे घुसपैठ प्रभावित इलाकों का कभी दौरा नहीं किया.”
सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राहुल गांधी झारखंड आए, लेकिन उन्होंने घुसपैठियों के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा और न ही उनकी ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार ने ओबीसी के लिए किए गए वादों को पूरा किया है. राहुल गांधी आदिवासी विरोधी और ओबीसी विरोधी हैं.”
झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी लगातार बढ़ रही है. सभी पार्टियों के बड़े नेताओं का प्रदेश में आना जारी है. वे चुनावी रैलियों में ना सिर्फ विपक्ष पर लगातार हमला बोल रहे हैं, बल्कि अपनी पार्टियों के एजेंडे को भी जनता के सामने रख रहे हैं.