किन लोगों को होता है लकवा का खतरा, क्या है इसका संकेत और उपचार? जानिए एक्सपर्ट की राय

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लकवा मारने के बारे में तो आपने सुना ही होगा. ज्यादातर उम्र बढ़ने और शरीर में बीमारियां होने पर लकवा मारने का खतरा रहता है. हालांकि आजकल युवाओं में भी ये समस्या बढ़ रही है.

आपने बड़े-बुजुर्गों में लकवा की स्थिति देखी होगी. इस बीमारी में शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है. इसमें एक तरफ का हाथ, पैर, मुंह और आंख प्रभावित होता है. लकवा के बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है और ये सिर्फ कुछ मिनटों में ही शरीर को प्रभावित कर सकता है.

दो कारणों से होती है लकवा की बीमारी

डॉक्टर महेंद्र शर्मा ने बताया कि अचानक ब्रेन के किसी एरिया में डैमेज हो यानी खून सप्लाई को लेकर जो डैमेज होता है, उसकी वजह से लकवा आता है. इससे शरीर के एक तरफ के हिस्से जैसे एक हाथ या एक पांव में काफी ज्यादा कमजोरी आ जाती है. लकवा के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं, इसमें एक कारण तो ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप फट जाना और दूसरा कारण है इस ब्लड पाइप में कोई ना कोई ब्लॉक हो जाना. माना जाता है कि ज्यादातर केस पाइप ब्लॉक होने वाले ही होते हैं और अधिकतर लोगों के इस वजह से लकवा आता है.

पहले से नहीं मिलता संकेत

लकवा मारने के पहले से शरीर में कोई संकेत नजर नहीं आते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत कम मामलों में इसका पहले से पता चल पाता है. ये बहुत जल्दी होता है और जब तक मरीज कुछ समझ पाए या स्थिति को संभाल पाए, यह शरीर को प्रभावित कर देता है.

लकवा मारने का पहले से पता नहीं चल पाता है. लेकिन जिन लोगों को पहले एक छोटा सा लकवा आता है, उन्हें इसे लेकर अलर्ट रहना चाहिए. डॉक्टर ने आगे बताया कि कई बार बहुत कम समय के लिए बोलने में दिक्कत या शरीर के एक हिस्से में कमजोरी आ जाए, तो ये हल्के लकवा के लक्षण हो सकते हैं. हालाकि इस स्थिति में कुछ देर बाद मरीज ठीक हो जाता है.

डॉक्टर महेंद्र शर्मा ने बताया कि लकवा मारने पर हाथ, पांव और मुंह पर असर आता है. ऐसे में चलने, बोलने, लिखने और एक तरफ के अंगों को ठीक से काम करने में परेशानी होती है. ऐसे लोगों को कमजोरी बहुत आती है.

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