हमास का समर्थन, हिन्दुओं के खिलाफ बयान… हरियाणा की यूनिवर्सिटी पर लगे गंभीर आरोप, BJP नेताओं ने शेयर किया वीडियो

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इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर दुनिया दो धड़ में नजर आ रही है. एक तरफ जहां कुछ देश इजरायल के कदम को सही ठहरा रहे हैं. वहीं कुछ देश फिलिस्तीन के हमास की कार्रवाई को सही बता रहे हैं.

ऐसे में इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. हालांकि भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से फिलिस्तीन के लोगों के प्रति सहानुभूति जताई है. लेकिन हमास के आतंकियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई का समर्थन भी किया है.

वहीं भारत में भी कई जगहों पर हमास के पक्ष में लोगों ने नारेबाजी की है. इसी कड़ी में हरियाणा के ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में 1 नवंबर को अचिन वनायक की क्लास को लेकर हंगामा शुरू हो गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि वायरल हो रहे वीडियो में पूर्व प्रोफेसर अचिन वानाइक के एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने गाजा में इजरायल के एक्शन पर सवाल उठाया. साथ ही हमास के पक्ष में भी बयान दिया. यह भी दावा किया जा रहा है कि प्रोफेसर ने कथित तौर पर संघर्ष पर भारत के रुख को लेकर मोदी सरकार पर भी हमला किया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोफेसर ने लेक्चर के दौरान गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन का जिक्र करते हुए पुलवामा आतंकी हमले का उदाहरण दिया. उनका कहना है कि हमारे सैनिकों को मारना आतंकवाद है, मगर उनके सैनिकों को मारना आतंकवाद नहीं है. उसके बाद उन्होंने कहा, ‘तो जब आप पुलवामा का हमला देखते हैं और इधर के सैनिक मारे जाते हैं तो वह आतंकवाद है. मगर जब आप उधर जाते हैं और वहां के सैनिकों और लोगों को मारते हैं तो वह आतंकवाद नहीं है! तो ऐसा डिस्कोर्स है.’

विश्वविद्यालय में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर आयोजित व्याख्यान से विवाद पैदा हो गया और कुछ भाजपा नेताओं ने इसकी वीडियो क्लिप साझा करते हुए आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम हमास के समर्थन में आयोजित किया गया था. ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के एक प्रवक्ता ने इस आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ”वीडियो को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है.” मुंबई बीजेपी के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने ‘एक्स’ पर लेक्चर का वीडियो क्लिप शेयर करते हुए कहा, “ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आतंकवादी संगठन हमास के समर्थन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.”

उन्होंने कहा, “इस आयोजन के दौरान, हिंदू संस्कृति, हिंदू धर्म, हिंदुत्व, आरएसएस, भाजपा और भारतीय सेना को टारगेट किया गया.” नखुआ ने कहा, “एजुकेशन फील्ड, जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित वातावरण के रूप में काम करना है, उसका उपयोग कभी-कभी भारत को अस्थिर करने और युवाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक मार्क्सवादी विचारधाराओं और हिंदू विरोधी कथाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.”

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