Kisan Andolan: खनौरी बॉर्डर जा रहे किसानों पर लाठीचार्ज, टियर गैस भी छोड़ी, पुलिस ने टैक्ट्ररों की निकाली हवा

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हरियाणा में किसान और पुलिस में फिर से टकराव हुआ है. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के चलते खनौरी बॉर्डर जा रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी हैं. साथ ही किसानों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की भी सूचना है.

जानकारी के अनुसार, हिसार के खेड़ी चौपटा का यह मामला है. शुक्रवार दोपहर को जब किसान खनोरी बॉर्डर के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. किसान नहीं रुके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर लाठी चार्ज कर दिया. पुलिस ने किसानों के टैक्टरो की हवा निकाल दी. किसानों ने पुलिस पर पथराव किया है और पुलिस के वाहन को भी तोड़ दिया. बता दें कि हिसार के खेड़ी चौपटा के पक्के मोर्चे पर किसानों ने शुक्रवार दोपहर बाद खनौरी बॉर्डर जाने का आह्वान किया था. यहां पर 18 फरवरी से किसानों का धरना चल रहा है.

नहीं लगेगा रासुका

किसानों पर धरना प्रदर्शन के चलते हरियाणा पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी में थी. लेकिन पुलिस ने अपना फैसला बदल दिया. अंबाला पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है और कई बार किसान रऔर पुलिस में भिड़ंत हो चुकी है. पूरे हरियाणा में 30 पुलिसकर्मी घायल और दो पुलिस जवानों की मौत हुई है. साथ ही सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान भी हुआ है. इसस अंबाला की एएसपी पूजा डाबला ने बताया कि उच्च अधिकारियों ने एनएसए लगाने का वापिस ले लिया है.

क्या बोले किसान नेता

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर ने शुक्रवार दोपहर पटियाला में प्रेंस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि बाकी किसान नेताओं से बात कर ये निर्णय लिया कि शुभकरण सिंह को पहले न्याय दिलाया जाए और दिल्लीवाले कूच को 2 दिन के लिए रोका जाए, जिससे कि प्रदर्शन फिर से शांतिपूर्ण रास्ते पर लौट सके और हिंसा के पीछे के कारण तलाशे जाएं. बीते 2 दिन से किसान दोनों ही बॉर्डर पर टिके हुए हैं, हालाँकि 21 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए जुटी भीड़ ज़रूर जा चुकी है, लेकिन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों और किसानों की संख्या में बदलाव ना के बराबर है. पंजाब सरकार ने शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवज़े के तौर पर देने का ऐलान कर दिया है, बहन को नौकरी देने की बात भी कही है. इसके बावजूद भी किसान हरियाणा पुलिस के अधिकारियों पर मुक़दमा दर्ज करवाने पर अड़े हुए हैं.

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