हरितालिका तीज कल यानी 9 सितंबर, गुरुवार को है। हरतालिका तीज व्रत महिलाएं अखंड सुहाग के लिए निर्जला और निराहार रखेंगी। पहली बार व्रत रहने वाली महिलाओं और कुंवारी कन्याओं में ज्यादा उत्साह है।
हरतालिका तीज पर महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करेंगी। कुछ जगहों पर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की कच्ची मिट्टी से प्रतिमा बनाकर महिलाएं विधिवत पूजा करती हैं। जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत पारण विधि-
पूजन का शुभ मुहूर्त-
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार को देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा।
हरितालिका तीज पूजा विधि-
1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
व्रत पूजन विधान-
पं. अवध नारायण के अनुसार व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करें।
जलेबी का सेवन कर व्रत पारण की परंपरा-
हरितालिका तीज व्रत का पारण करने की शहर में एक खास परंपरा है। यानी व्रत के अगले दिन ताजी जलेबी और दही सेवन कर महिलाएं पारण करती हैं। कई महिलाएं जलेबी के बजाय मेवा और चासनी से तैयार विशेष मिष्ठान का सेवन कर पारण करेंगी।