जीएसटी परिषद की बैठक 22 जून को, फैसलों में दिखेगी नई सरकार की मंशा, जानें क्‍या सस्‍ता और क्‍या होगा महंगा?

0 69

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक 22 जून को होगी. इसमें ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की समीक्षा की जा सकती है.

जीएसटी परिषद सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक 22 जून, 2024 को नई दिल्ली में होगी. परिषद की पिछली बैठक 7 अक्टूबर, 2023 को हुई थी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हुए थे.

बैठक के एजेंडा की जानकारी अभी परिषद के सदस्यों को नहीं दी गई है. लोकसभा चुनाव के बाद यह परिषद की पहली बैठक होगी. जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए बेटिंग के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले की समीक्षा कर सकती है. यह कर एक अक्टूबर, 2023 से लागू हुआ था. जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को कर योग्य दावों (बेट) के रूप में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी. साथ ही स्पष्ट किया था कि ऐसी आपूर्तियों के मामले में पूरी बेटिंग राशि मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगेगा. उस समय कहा गया था कि फैसले की समीक्षा छह महीने बाद यानी अप्रैल, 2024 में की जाएगी.

दरों में भी हो सकता है बदलाव

जीएसटी परिषद के समक्ष एक अन्य महत्वपूर्ण लंबित मुद्दा दरों को युक्तिसंगत बनाना है और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में एक समिति को आवश्यक दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए सुझाव देने का अधिकार दिया गया है. जीएसटी परिषद अपनी 22 जून की बैठक में प्रक्रिया को तेज करने और समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्णय ले सकती है.

अभी जीएसटी में 5 दरें

जीएसटी व्यवस्था में वर्तमान में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के पांच कर स्लैब हैं. लग्‍जरी और नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं पर उच्चतम 28 प्रतिशत टैक्‍स की दर के अलावा उपकर भी लगाया जाता है. डेलॉयट इंडिया की भागीदार एमएस मणि ने कहा कि परिषद को बहुप्रतीक्षित दरों को तर्कसंगत बनाने की चर्चा करनी होगी. अभी कुछ दरें काफी ज्‍यादा तो कुछ कम हैं.

नेचुरल गैस पर लगेगा जीएसटी

परिषद के सामने सबसे बड़ी चुनौती नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की होगी. इससे सरकारी खजाने को भी ज्‍यादा नुकसान नहीं होगा और आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है. केपीएमजी इन इंडिया के साझेदार एवं प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि अक्टूबर से पहले ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए टैक्‍स, ईएसओपी की कर देयता, कॉरपोरेट गारंटी कर देयता सहित कई स्पष्टीकरणों पर विचार किया जा रहा है. हालिया मुकदमों के कारण विभिन्न दर-संबंधी स्पष्टीकरण भी किए जाने हैं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.