गोली से नहीं गाड़ी से कुचलकर मरे किसान, बाकी 4 हुए लिंचिंग का शिकार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए सभी आठ लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी की भी मौत गोली लगने से नहीं हुई।
जांच रिपोर्ट में साफ है कि चार लोगों की मौत गाड़ी से कुचलने और खून बहने से हुई जबकि तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और पत्रकार रमन कश्यप की मौत लिंचिंग के कारण हुई।
सूत्रों के मुताबिक सभी चार किसानों लवप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह, दलजीत सिंह और नक्षत्र सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता लगता है कि इनकी मौत शॉक और हैमरेज के अलावा अत्याधिक खून बहने से हुई। रिपोर्ट में गुरविंदर के शव पर किसी धारदार हथियार के निशान भी पाए गए हैं। वहीं, बाकी तीन को गाड़ी से कुचला गया या फिर वे वाहन के पहिए में फंसकर घिसटते चले गए।
केंद्रीय मंत्री के ड्राइवर हरी ओम मिश्रा और अन्य बीजेपी कार्यकर्ता श्याम सुंदर के शव पर घसीटने के साथ ही लाठी-डंडों से मारपीट के निशान पाए गए। वहीं, पत्रकार रमन कश्यप के शव पर भी लाठियों से बुरी तरह किए गए वार के निशान मिले हैं।
बता दें कि रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस वक्त हिंसा छिड़ गई थी जब प्रदर्शनकारी किसानों को कथित तौर पर वाहन से कुचल दिया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया, उसे केंद्रीय मंत्री का बेटा चला रहा था
हिंसा उस वक्त हुई जब कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों ने एक कार्यक्रम से लौट रहे उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का रास्ता रोक उन्हें काले झंडे दिखाए। हालांकि, उसी समय एक एसयूवी गाड़ी किसानों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।