राजनीति में कब-क्या हो जाए कौन जानता है…नई पार्टी बनाने पर कांग्रेस के ‘बागी’ आजाद ने तोड़ी चुप्पी

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कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 में शामिल गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ी है। कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बागी तेवर अपनाने वाले पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनका जम्मू-कश्मीर में एक नई पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीति में कब-क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता।

एनडीटीवी से बातचीत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मेरी पार्टी बनाने की फिलहाल कोई मंशा नहीं है, मगर राजनीति में कुछ कहा नहीं जा सकता। नई पार्टी बनाने के सवाल पर आजाद ने कहा कि नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं है। पिछले दो सालों में नेतृत्व और कश्मीर लोगों के बीच संपर्क टूट सा गया है। जब 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के साथ राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था। पूरे स्टेट के अंदर राजनीतिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। हजारों लोग जेल भेजे गए और जेल के बाहर भी जो लोग थे, उन्हें भी राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए मैंने सबको जगाने का काम किया।

आजाद ने आगे कहा कि मेरे लिए सभी कांग्रेसी हैं, मगर जब मैं जम्मू और कश्मीर आता हूं तो मैं केवल कांग्रेस की या एक तबके की बात नहीं करता हूं। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष साथ में किसी बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को कम काम करने की आदत होती है। मुझे ज्यादा काम करने की आदत है। मैं कछुए की चाल नहीं चल सकता। मैं तेज गति से चलता हूं। एक दिन में 16 बैठकें करने का भी रिकॉर्ड है।

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय हमें गलत होने पर सवाल उठाने की आजादी थी। वे लोग कभी आलोचना को गलत नहीं मानते थे। मगर आज कांग्रेस नेतृत्व इसे बुरा मानता है। जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए हैं, वे सभी मेरे लीडरशिप में चाहते हैं काम करना। मगर मैं इस उम्र में कश्मीर कांग्रेस का चीफ नहीं बनना चाहता। मैंने सोचा था कि राजनीति छोड़ दूं, मगर अपने लोगों की वजह से हूं।

बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद के करीब 20 वफादारों ने पिछले दो हफ्तों में अपनी पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया है। अपने त्यागपत्रों में नेताओं ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने सहित कांग्रेस में व्यापक बदलाव के बारे में सवाल उठाया है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावना को खारिज कर दिया था।

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