‘MVA की साजिश नाकाम, शिवसेना-BJP की सरकार लीगल…’, SC के फैसले के बाद उद्धव पर खूब बरसे शिंदे-फडणवीस

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पिछले साल जून के ‘महाराष्ट्र राजनीतिक संकट’ मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्रतिक्रियाएं दीं.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है. हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि आज महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की साजिश नाकाम हो गई है. अब किसी को शक नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार पूरी तरह कानून सम्मत है.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़े थे और जनता ने भाजपा-शिवसेना को बहुमत दी थी. जब वह मुख्यमंत्री बनने के लिए जनता के जनादेश का अपमान करते हुए एनसीपी और कांग्रेस के साथ चले गए थे, तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे? उन्होंने सीएम पद से नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि जब उनके विधायकों ने ही उनका साथ छोड़ दिया, इस डर के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र के पक्ष में आया है, सत्य की विजय हुई है: CM शिंदे

उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र शिंदे में कोई नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. उनकी इसी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर देवेंद्र फडणवीस ने उपरोक्त टिप्पणी की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र के पक्ष में आया है, सत्य की विजय हुई है. हमने जो सरकार बनाई, वह नियम-कानून के तहत बनाई. आज सुप्रीम कोर्ट ने उस पर मुहर भी लगा दी है.

एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘लोग चिल्ला रहे थे कि यह अवैध सरकार है. लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले से आज उन्हें तमाचा मारा है. जो फैसला अपेक्षित था, वही शीर्ष अदालत ने दिया है. चुनाव आयोग ने शिवसेना नाम और निशान भी हमें दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं.’ सीएम शिंदे ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे को पता था कि उनके पास बहुमत नही है, अल्पमत में हैं, इसलिए इस्तीफा दिया. किसी नैतिकता के आधार पर नहीं दिया था. उनके पास इस्तीफा देने के अलावा और दूसरा कोई चारा नहीं था और आज नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे.’

उद्धव नैतिकता दिखाते तो 2019 में ही शिवसेना-बीजेपी की सरकार बन जाती: शिंदे

एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘नैतिकता की बात पहले करते उद्धव, तो शिवसेना और बीजेपी की सरकार उसी समय बन जाती, लेकिन सत्ता और कुर्सी के लिए उन्होंने नैतिकता को पीछे छोड़ दिया. दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई. शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के विचारों को हमने बचाया और जनता के मत का सम्मान करते हुए बीजेपी के साथ सरकार बनाई. इस सरकार को अवैध और असंवैधानिक बताने वाले लोगो को कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए. यह जनता की सरकार है. राज्यपाल ने उस वक्त की परिस्थितियों के अनुसार अपने विवेक से फैसला लिया.’

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