सुबह से ढूंढ रही ED, अब तक नहीं मिले हेमंत सोरेन, अब CM हाउस से ईमेल भेजकर दी गयी बड़ी जानकारी
जमीन घोटाला मामले में ईडी की टीम लगातार सीएम हेमंत सोरेन को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला रही थी. वहीं इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय की टीम सोमवार को इस मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर भी पहुंच गयी.
वहीं इसी बीच आज मुख्यमंत्री आवास से ED को एक मेल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सीएम हेमत सोरेन 31 को ईडी के सामने पेश होंगे.
सूत्रों की मानें तो हेमंत सोरेन दिल्ली में ही हैं लिहाजा उनको ट्रेस करने की कोशिश हो रही है. यही वजह है कि उनके मूवमेंट के बारे में ड्राइवर से पूछा जा रहा है कि वो कहां हैं, या कहां हो सकते हैं. सीएम के निजी ड्राइवर रवींद्र ने ED की टीम से कहा कि हम कल और परसों दो दिन छुट्टी पर थे. सीएम हेमन्त सोरेन शांति निकेतन स्थित अपने आवास, मोतीलाल नेहरू स्थित शिबू सोरेन के आवास और झारखंड भवन तीनों में से कहीं नहीं हैं. दिल्ली में ईडी की टीम की इस कार्रवाई से झारखंड की सियासी हलचल बढ़ गई है. मामला जमीन घोटाला से जुड़ा है.
JMM नेता ने कही यह बात
वहीं इस मामले पर जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले 20 जनवरी को ईडी के सात सदस्यीय टीम सीएम हाउस पर पहुंची थी. तब Eci 25/22 के संबंध में सतरह अठारह सवाल किया गया. चुनाव आयोग के हलफनामे में जिसका जिक्र किया गया था उसी के संदर्भ में सवाल किया. बड़गाई की जमीन के बारे में ईडी ने जानकारी ली. लेकिन यह जमीन भूइहरी जमीन है जिसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती है.
खराब किया जा रहा है माहौल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि सीएम हेमंत सोरेन ने बताया था कि 31 जनवरी को उनके आवास पर आकर पूछताछ कर सकते हैं. चुनाव आयोग को लेकर ईडी ने कोई आधार नहीं बनाया है. सोहराय भवन को लेकर जो ट्रांजेक्शन हुआ है इसको लेकर भी पूछताछ हुई है और यह उनके पत्नी के नाम से है. ईडी पूरी तरह से राजनीतिक प्रकरण के तहत काम कर रही है. दो और चार फरवरी को हमारा राजनीतिक कार्यक्रम है दुमका और धनबाद में बजट सत्र भी नौ फरवरी से बुलाया गया है. पूरी तरह से आज सुबह से माहौल खराब किया जा रहा है.
जेएमएम नेता ने कहा कि व्यक्तिगत काम से सीएम दिल्ली गए हुए हैं और जब ईडी 31 जनवरी को समय दिया गया है तो फिर ऐसा क्यों हुआ है. लगातार दो तीन दिनों से राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों उत्पन्न किया जा रहा है, जिस केस का जिक्र हो रहा है वह सरकारी रिकॉर्ड में भूईहरी जमीन है. मीडिया में अजीब शब्द घूम रहा है.