डोनाल्ड ट्रंप की खोपड़ी चकनाचूर कर सकती थी A-15 राइफल की गोली, 1 सेकंड में नाप लेती है 6 फुटबॉल मैदान की दूरी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पश्चिमी पेंसिल्वेनिया में शनिवार को एक चुनावी रैली के दौरान एक कातिलाना हमला हुआ, जिसमें उनकी जान जाते-जाते बची. संदिग्ध की पहचान थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई है.
यूएस सीक्रेट सर्विस इस बात की जांच कर रही है कि एआर-15 राइफल के साथ एक व्यक्ति रैली वाली जगह पर कैसे दाखिल हुआ और कई गोलियां चला पाया. बताया जाता है कि अगर किसी को एआर-15 राइफल से निकली गोली लग जाए, तो उसका बचना असंभव हो जाता है. ऐसा क्यों कहा जाता है, इसके लिए आपको AR-15 राइफल के बारे में जानना होगा.
AR-15 राइफल इतनी तेज़ गति से गोलियां दागता है कि यह कुछ ही सेकंड में व्यक्ति को ख़त्म कर सकता है. इसकी गोली इतनी रफ्तार के साथ गिरती है कि एक खोपड़ी को उड़ा सकती है और शरीर के अहम अंगों को ध्वस्त कर सकती है. ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ ने जॉन्स हॉपकिन्स अस्पताल में ट्रॉमा सर्जन जोसेफ सकरन के हवाले से कहा, “यह सचमुच हड्डियों को चकनाचूर कर सकता है, यह आपके लीवर को चूर-चूर कर सकता है और यह विस्फोट जितना असर पैदा कर सकता है.” उन्होंने कहा, “एक घटना के दौरान हाई-स्पीड राउंड से मारे गए लोगों की सर्जरी के दौरान, पीड़ितों के शरीर के टीश्यू टूटकर हमारे हाथों में आ गए.”
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक खबर में बताया कि आखिर एआर-15 राइफल से निकली गोली शरीर में इतनी तबाही क्यों मचाती हैं? यह AR-15 के अंदर .223-कैलिबर आकार के बुलेट का इस्तेमाल होता है. जो चीज़ हथियार को इतना घातक बनाती है वह है उस गोली की गति. यह छोटा और हल्का है. इसके कारतूस में इतनी गति से गोली चलाने के लिए पर्याप्त ताकत होती है कि वह एक सेकंड में छह फुटबॉल मैदानों को पार कर सकती है.
कोई भी गोली शरीर के किसी अहम हिस्से पर लगती है, तो वह तुरंत ही मौत का कारण बन सकती है. एआर-15 से निकली गोली की तेज़ गति शरीर से टकराने के बाद कहीं अधिक नुकसान पहुंचाती है और व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना को काफी कम हो जाती है. ट्रॉमा सर्जन बाबाक सरानी ने कहा, “जैसे ही गोली की रफ्तार धीमी हो जाती है, उससे निकली ऊर्जा इतनी भारी होती है कि उसे कहीं और जाना होगा, और यहां आपका शरीर आपका साथ छोड़ देगा.”
उदाहरण के लिए, अगर AR-15 से निकली गोली किसी की छाती को हिट करती है, तो वह चेस्ट कैविटी में जाकर फट जाती है. यह फेफड़ों के टीश्यू को नष्ट कर देता है, नसों और नाड़ियों को तोड़ देता है, जिसके बाद बड़े पैमाने पर शरीर से खून बहने लगता है. इसके बाद धीरे-धीरे शरीर गिरना शुरू कर देता है. AR-15 से निकली गोली का असर इतना तेज होता है कि यह एक तरह का विस्फोट पैदा करती है. यह विस्फोट उन बड़ी नसों को नष्ट कर देता है जो खून को हृदय तक वापस ले जाती हैं.
इतनी ही समान दूरी से अगर 9 मिमी की गोली सीधे शरीर में घुसती है, तो वह AR-15 की तुलना में बहुत कम नुकसान पहुंचाती है. एआर-15 की गोली अपने पीछे एक गहरा घाव छोड़ती है, जबकि हैंडगन से चलाई गई 9एमएम की गोली से बना घाव बहुत छोटा होता है. तुरंत इलाज मिलने और कम खून बहने के कारण पीड़ित के पास छाती पर लगी 9 मिमी की गोली से बचने का मौका होता है, लेकिन एआर-15 के साथ ऐसा नहीं है. AR-15 की गोली लगने के बाद शरीर से तेजी से खून बहना शुरू होता है, जो जल्द ही घातक हो जाता है और इससे व्यक्ति की जान पर बन आती है.