डीएमके नेता ए राजा ने सनातन धर्म को बताया HIV और कोढ़ की तरह, दिल्ली में शिकायत दर्ज

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सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) नेता ए राजा की टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में वकील चिराग अनेजा ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है.

अपनी शिकायत में वकील चिराग ने कहा है कि कि राजा ने जानबूझकर साजिश के तहत सनातन धर्म को एचआईवी और कोढ़ की तरह बताने की हिमाकत की है.

शिकायतकर्ता ने कहा, डीएमके नेता का बयान साफ तौर पर हेट स्पीच है. राजा ने सनातन मतावलंबियों को धार्मिक और मार्मिक रूप से ठेस पहुंचाने के लिए ही ऐसा बयान दिया है. इससे लोगों की भावनाएं भड़क सकती हैं और सामाजिक-धार्मिक सौहार्द एवं शांति का माहौल बिगड़ सकता है.’

पहले भी उनकी ही पार्टी डीएमके के नेता और तमिलनाडु सरकार के मंत्री एम उदयनिधि स्टालिन ने भी सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने का बयान दिया था. अनेजा ने दिल्ली पुलिस में दर्ज हुई शिकायत में ऐसे नफरती बयान देने वालों के खिलाफ एफआईआर कर शीघ्र और सख्त कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.

ए राजा ने क्या कहा?

बुधवार को चेन्नई में द्रविड़ कषगम द्वारा आयोजित विश्वकर्मा योजना के खिलाफ एक विरोध सभा में बोलते हुए, राजा ने कहा कि उदयनिधि ‘नम्र थे जब उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह खत्म करने की जरूरत है.’ राजा ने कहा कि मलेरिया और डेंगू से कोई सामाजिक कलंक नहीं जुड़ा है.

उन्होंने कहा, “मलेरिया और डेंगू के साथ न तो घृणा की भावना जुड़ी हुई है और न ही उन्हें सामाजिक अपमान माना जाता है. अतीत में कुष्ठ रोग और हाल के दिनों में एचआईवी को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है. जहां तक ​​हमारा सवाल है, इसे (सनातन धर्म) एक ऐसी बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिए जो एचआईवी और कुष्ठ रोग की तरह एक सामाजिक अपमान है.”

उदयनिधि ने सनातन के बारे में क्या कहा था

ए. राजा से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने गत शनिवार को सनातन धर्म को कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू के समान बताया था और कहा था कि ऐसी चीजों का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें नष्ट कर देना चाहिए.

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