धनतेरस पर प्रदोष काल में करें लक्ष्मी, गणेश, कुबेर की पूजा, चमक जाएगी किस्मत! जानें शुभ समय

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दिवाली और धनतेरस धन का त्यौहार है. इस त्यौहार पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाती है. अगर आप सुख समृद्धि घर में चाहते हैं तो धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करें.

शुभ मुहूर्त में पूजा करने से माता लक्ष्मी गणेश और कुबेर भगवान की आप पर कृपा बरसेगी. पुराणों के अनुसार धनतेरस की पूजा का महत्व प्रदोष काल में माना जाता है, इसके साथ ही सूर्य भी तुला राशि में होना चाहिए.

धनतेरस पर शुभ मुहूर्त को लेकर सागर के ज्योतिष आचार्य पंडित अनिल कुमार पांडे ने कहा कि इस बार धनतेरस 10 नवंबर को है निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार इसकी पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसके अलावा मेष लग्न में भी पूजा करने का महत्व है. यह पूजा तब होती है जब सूर्य तुला राशि में हो 10 नवंबर को सूर्य तुला राशि में है. मेष लग्न भुवन विजय पंचांग के अनुसार 5:54 से 7:52 तक है. और प्रदोष काल 4:45 से 6:15 तक है. इस प्रकार हम कह सकते हैं कि धनतेरस की पूजा 4:45 से 7:52 के बीच मैं की जा सकती है. जिसमें सबसे अच्छा मुहूर्त 5:54 से 6:15 तक का होगा और मां लक्ष्मी गणेश इस दिन कुबेर धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है. पूजा में फूल माला आटे का हलवा धनिया के बीज आदि का इस्तेमाल किया जाता है.

ये पूजन सामग्री जरूरी

धनतेरस की पूजा में देवी लक्ष्मी, गणेश, धन्वंतरि एवं भगवान कुबेर की पूजन की जाती है. पूजन से पहले सामग्री के बारे में जान लेते हैं. पूजा फूल, माला एवं आटे का हलवा, गुड़ के साथ धनिया के बीज या बूंदी के लड्डू अर्पित किए जाते हैं.

धनतेरस पर सोना खरीदना का महत्व

धनतेरस पर खरीदी का भी बेहद अधिक महत्व है. इस दिन विशेष रूप से सोना खरीदना चाहिए. कहते हैं धनतेरस पर सोना खरीदने से इसमें 13 गुना वृद्धि हो जाती है सोने के अलावा चांदी या धातुओं से बनी चीज खरीदने का बड़ा महत्व है. आप में जैसा समर्थ है वैसी वस्तुएं खरीद सकते हैं. धनतेरस पर कुछ ना कुछ जरूर खरीदना चाहिए.

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