‘हमें मंजूर नहीं’, जम्मू को 6 सीटें ज्यादा देने के प्रस्ताव पर भड़के फारुक अब्दुल्ला; 19 सीटों पर होगा आरक्षण

0 110

जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन कर रहे आयोग ने जम्मू में 6 अतिरिक्त सीटें गठित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा कश्मीर में भी एक सीट बढ़ेगी।

यही नहीं परिसीमन आयोग ने 16 सीटों के आरक्षण का भी प्रस्ताव दिया है। इन आरक्षित सीटों में से 9 सीटें जनजातीय समुदायों और 7 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। हालांकि परिसीमन आयोग की सिफारिशों पर बवाल मच गया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर साइन करने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा पीडीपी ने भी आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है।

पहली बार परिसीमन आयोग की मीटिंग में शामिल हुए फारुक अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य नेताओं ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि इसमें सीटें तय करने के मामले में पक्षपात किया गया है। पार्टी ने रिपोर्ट पर साइन न करने का फैसला लिया है। जम्मू कश्मीर के प्रस्तावित इलेक्टोरल मैप को लेकर भाजपा से करीबी रखने वाली पार्टियों जेके अपनी पार्टी और पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी आपत्ति जताई है। कश्मीर में फिलहाल 46 सीटें आती हैं, जबकि जम्मू में 37 सीटें हैं। नए प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू में अब 43 सीटें हो जाएंगी, जबकि कश्मीर में यह आंकड़ा 47 हो जाएगा।

2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू की आबादी 53.72 लाख है, जबकि कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है। एक तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पर आपत्ति जताई है तो वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस रिपोर्ट पर सभी की सहमति है। उन्होंने कहा, ‘अब्दुल्ला ने मीटिंग में कहा था कि हमें परिसीमन आयोग के बारे में गलत जानकारी दी थी। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। आयोग ने अब जम्मू कश्मीर में सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 करने का फैसला लिया है। आयोग ने जनसंख्या, जिलों के भूगोल और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए ये सिफारिशें दी गई हैं।’

आयोग के सदस्य ने बताया- कैसे हुआ विधानसभा सीटों का गठन

परिसीमन आयोग ने आज मीटिंग में नेताओं को प्रजेंटेशन दी। इस दौरान डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंद्र भूषण कुमार ने कहा, ‘पिछली बार हुए परिसीमन के बाद से अब तक जिलों की संख्या बढ़कर 12 से 20 हो गई है। इसके अलावा तहसीलें भी अब 52 से बढ़कर 207 हो गई हैं। इसके अलावा जनसंख्या का घनत्व भी बहुत अलग है। किश्तवाड़ में यह प्रति स्क्वायर किलोमीटर 29 है तो श्रीनगर में 3,436 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।’ उन्होंने कहा कि ऐसी ही चीजों को ध्यान में रखते हुए 20 जिलों को ए, बी और सी कैटिगरी में डिवाइड किया गया है। इसके बाद विधानसभाओं का गठन आबादी और क्षेत्र के अनुपात में किया गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.