‘महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप’, कोलकाता कांड पर गुस्से के बीच बोले पीएम मोदी- सबका हिसाब होना चाहिए
कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में लडी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस और महाराष्ट्र के बदलापुर स्थित स्कूल में मासूम बच्चियों के यौन उत्पीड़न को लेकर देशभर में गुस्सा है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं को लेकर पहली बार बयान दिया है. उन्होंने साफ किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है और इन मामलों में जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है सबका हिसाब होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही.
महाराष्ट्र में लखपति दीदी सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘महिलाओं की सुरक्षा हमारे देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. आज मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा और राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है. दोषी कोई भी हो, वो बचना नहीं चाहिए. उसको किसी भी रूप में मदद करने वाले बचने नहीं चाहिए. चाहे अपराधी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए.’
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अस्पताल हो, स्कूल हो, दफ्तर हो या फिर पुलिस व्यवस्था… जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है सबका हिसाब होना चाहिए. इस साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए हमारी सरकार कानूनों को भी लगातार सख्त कर रही है.
इससे पहले जलगांव में महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, जिसके बाद उन्होंने कुछ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों से बातचीत की. अधिकारियों ने बताया कि स्वयं सहायता समूह पशुधन क्षेत्र में सक्रिय हैं, जबकि अन्य ‘कृषि सखी’ और ‘नमो ड्रोन दीदी’ जैसी सरकारी योजनाओं में काम कर रही हैं.
योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले अधिकारियों ने कहा कि स्वयं सहायता समूह कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकताओं को पूरा करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद मिलती है. शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि मोदी जलगांव के कार्यक्रम में 2,500 करोड़ रुपये का एक ‘रिवॉल्विंग फंड’ भी जारी करेंगे, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ होगा.
बयान में कहा गया है कि वह 5,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे, जिससे 2.35 लाख स्वयं सहायता समूहों के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा. ‘लखपति दीदी’ बनाने की योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। सरकार ने तीन करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा है.